विजय कुमार वर्मा, सिंगरौली। जिले में बच्चा बदले जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। परिजन आरोप लगा रहे हैं, कि उन्हें बेटा पैदा हुआ था लेकिन छुट्टी के बाद उन्हें बेटी दे दी गई। वहीं, अस्पताल प्रबंधन इस पूरे मामले से इंकार कर रहा है। सिंगरौली जिले के सरई इलाके से प्रसव कराने बैढ़न के ट्रामा सेंटर पहुंची सुनीता रावत और उनके पति राम गोविंद रावत ने ट्रामा सेंटर प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पति का कहना है कि उनकी पत्नी 25 जुलाई को ट्रामा सेंटर में नवजात शिशु को जन्म दिया था, जो बेटा था उसे हालत ठीक ना होने की वजह से एसएनसीयू में भर्ती करवाया गया। 6 अगस्त को जब उन्हें डिस्चार्ज किया गया तो उन्हें बेटे की जगह बेटी दे दी गई। उनका कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से ऐसा हुआ है। वहीं, इस पूरे मामले पर जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन का कहना है कि जब बच्चे का जन्म हुआ था उस समय से लेकर अब तक के सारे प्रमाण मौजूद हैं। जिस बच्चे का जन्म हुआ था वही बच्चा परिजनों को सोपा गया है।
डॉक्टर का यह भी कहना है कि इन 10 दिनों के भीतर बच्चे की मां लगातार बच्चों को स्तनपान भी कर रही थी। अब अचानक यह आरोप लगाना की बच्चा बदल गया है या गलत है। बता दें कि जिला चिकित्सालय में लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी जिला चिकित्सालय प्रबंधन पर लापरवाही के कई आरोप लगा चुके हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले परप्रबंधन क्या एक्शन लेता है।
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