शिवपुरी : Hostages freed Shivpuri शिवपुरी जिले के इस गांव में जश्न की लहर है। गांव के लोग ढोलक बजाकर नाच रहे है। इस जश्न की वजह आजादी है। महाराष्ट्र के सांगली गाँव से पुलिस ने छापा मारकर बंधक बनाए गए आदिवासियों को छुड़ाया है। बंधन मुक्त होकर गांव पहुंचे आदिवासियों में ख़ुशी की लहार है। शिवपुरी जिले के करेरा तहसील के ग्राम मुजरा का मामला है। बंधुआ मजदूरी के लिए ले जाए गए 15 आदिवासियों को सहरिया क्रांति की मदद छुड़ाया गया। इसमें प्रशासन ने तत्परता दिखते हुए महाराष्ट्र से मुक्त कराकर उनके गाँव वापस लाया गया।
Hostages freed Shivpuri करेरा तहसील के उकायला के पास स्थित ग्राम मुजरा से 8 आदिवासी मजदूरों और उनके 7 बच्चों को बनाया गया था। मजदूरी दिलाने का झांसा देकर महाराष्ट्र के सांगली जिले के एक कृषि फार्म पर छोड़ आया। जहा आदिवासियों को बंधक बनाकर रखा गया। इतना ही नहीं इन्हे धमकाया भी गया कि यदि वे प्रति व्यक्ति 50,000 रुपये नहीं चुकाएंगे, तो उन्हें वापस घर जाने नहीं दिया जाएगा। ग्राम भ्रमण के दौरान सहरिया क्रांति के सदस्य राम कृष्ण पाल, संतोष जाटव, अनुराग दिवेदी और दुष्यंत सिंह गाँव पहुँचे। वहाँ उन्होंने पीड़ित परिवारों को बिलखते हुए पाया, जिन्होंने अपनी पीड़ा सुनाई। तत्काल कार्रवाई करते हुए सहरिया क्रांति के सदस्यों ने पंचनामा तैयार किया । जिसके बाद अमोला थाना में शिकायत दर्ज कराई गई । सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन ने जिला कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी को इस गंभीर स्थिति से अवगत कराया। कलेक्टर ने मामले को प्राथमिकता देते हुए महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक पुलिस दल भेजा। महाराष्ट्र पुलिस और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त महाराष्ट्र के सांगली गाँव से पुलिस दल ने छापा मारकर बंधकों को छुड़ाया गया।
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