शालू गोस्वामी/शिवपुरी। Pritam Singh Lodhi on Saurabh Sharma Case : मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा से भाजपा विधायक प्रीतम लोधी ने सौरभ शर्मा केस में पिछोर से पूर्व विधायक केपी सिंह कक्काजू की ओर इशारा करते हुए बड़ा निशाना साधा है। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा है कि अभी-अभी मध्यप्रदेश में कुबेर का खजाना पकड़ा गया और वह कुबेर का खजाना हमारे पिछोर के पूर्व विधायक का है। हमारे पूर्व विधायक ने पिछोर का पूरा खजाना खाली कर दिया।
भाजपा विधायक प्रीतम लोधी ने पूर्व विधायक पर निशाना साधते हुए कहा है कि सारी चीजों को खजाना इकट्ठा किया। पूर्व विधायक ने सारे मफियाओं का काम किया है। ये सारी कमाई जो सौरभ शर्मा के पास पकड़ी जा रही है। ये पिछोर के पूर्व विधायक की है क्योंकि सौरभ की जो मां है वह उनकी दूसरी पत्नी है। न इसके यहां बच्चे रहे न पति रहा, कारण उमा शर्मा थी। जैसे ही उमा इनके संपर्क में आई। इनके घर में खटपट शुरु हो गई। मैं ऐसे व्यक्ति का नाम नहीं लेना चाहता।
प्रशासन से मैं कहना चाहता हूं, सच्ची कार्रवाई करना चाहते हो तो हमारा पूर्व विधायक इसमें शामिल था। सौरभ शर्मा पूर्व विधायक का दत्तक पुत्र है। आगे विधायक ने कहा है कि अगर सौरभ शर्मा का डीएनए टेस्ट कराया जाए तो सब सच सामने आ जाएगा। आरक्षक भर्ती में किसका हाथ है। इसका खुलासा किया जाए। जनता की गाढ़ी कमाई का खुलासा किया जाना चाहिए।
प्रीतम लोधी ने आरोप लगाया है कि सौरभ शर्मा के पास पकड़ा गया कुबेर का खजाना पूर्व विधायक केपी सिंह कक्काजू का है। उन्होंने कहा कि सौरभ शर्मा के संबंध पूर्व विधायक के परिवार से हैं, और यह खजाना उनके द्वारा इकट्ठा किया गया है।
प्रीतम लोधी ने कहा कि पूर्व विधायक ने माफियाओं का काम किया और सारा खजाना इकट्ठा किया। उन्होंने यह भी कहा कि सौरभ शर्मा पूर्व विधायक का दत्तक पुत्र है और उनका डीएनए टेस्ट कराने से सारे तथ्य सामने आ जाएंगे।
प्रीतम लोधी के अनुसार, सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा पूर्व विधायक की दूसरी पत्नी थीं। इस कारण उनके घर में खटपट शुरू हो गई, और सौरभ शर्मा पूर्व विधायक के संपर्क में आए।
प्रीतम लोधी ने प्रशासन से सच्ची कार्रवाई की अपील की है, और कहा है कि सौरभ शर्मा के मामले में पूर्व विधायक की संलिप्तता को उजागर किया जाए।
प्रीतम लोधी ने कहा है कि अगर सौरभ शर्मा का डीएनए टेस्ट कराया जाए तो सभी सच सामने आ जाएंगे, और यह स्पष्ट हो जाएगा कि आरक्षक भर्ती में किसका हाथ था।