Letter handed over to collector by signing with blood

Rewa News: खून से हस्ताक्षर कर राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा पत्र, इस मांग को लेकर कर रहे विरोध

Letter handed over to collector by signing with blood खून से हस्ताक्षर कर राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा पत्र

Edited By :   Modified Date:  August 11, 2023 / 07:17 PM IST, Published Date : August 11, 2023/7:14 pm IST

राजीव पांडे, रीवा। कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर पिछ्ले 310 दिनों से धरने पर बैठे पशु पालकों का आज सब्र का बांध टूट पड़ा। सुअर पालकों ने आज खून से हस्तक्षर कर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल सहित अन्य केंद्रीय मंत्रियों के नाम कलेक्टर को पत्र सौंप कर अपना विरोध दर्ज कराया। उनका कहना है की बीते 10 माह पूर्व अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के चलते हजारों सुअरो को इंजेक्शन देकर मार दिया गया। बंसल समाज के पास रोजी रोटी का मात्र एक ही जरिया था उनके हजारों सुअरो को मार दिया गया। सरकार व प्रशासन की ओर से अब तक उन्हे मुआवजा नहीं दिया गया।

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10 माह से धरना स्थल पर बैठे है सुअर पशु पालक

दरअसल, सयुक्त किसान मोर्चा की अगुआई में बंसल समाज के लोग अपनी मांगो को लेकर पीछले 10 माह से कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने धरने पर हैं। समाज के लोगों का कहना हैं की सुअर पशु पालन ही उनकी रोजी रोटी का एक जरिया था। अक्टूबर 2022 में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू नामक एक गंभीर बिमारी फैली और प्रशासन के निर्देश पर बिना इलाज किए ही इंजेक्शन देकर हजारों सुअरो को मार दिया गया, जबकि कई सूअर बिमारी से मर गए। उन्होने सरकार से मुआवजे की मांग की, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। आखिरकार वह अपनी मांगे मनवाने के लिए धरने पर बैठ गए।

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अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के बाद मारे गए थे कई सुअर

संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक शिव सिंह ने बताया कि बसोर समाज का सुअर पशुपालन ही रोजी-रोटी का जरिया था, जिन्हें सीएम शिवराज की तानाशाह हुकूमत के नुमाइंदों ने अफ्रीकन स्वाइन फ्लू बीमारी के चलते बंसल समाज के हजारों सुअरों को बिना किसी इलाज के इंजेक्शन देकर मरवाने का काम किया था। बहुत सारे सुअर तो बीमारी से मर गए. सरकार के कानून में मुआवजे का प्रावधान होने के बाद भी अब तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया। आंदोलनकारियों के पास रोजी रोटी का संकट उत्पन्न है वह लगातार मुआवजे की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट रीवा के समक्ष 6 अक्टूबर 22 से डेरा जमाए हुए हैं। उनका कहना है कि भले ही हमें भी कुर्बानी देना पड़े, लेकिन बिना मुआवजा के यहां से नहीं हटेंगे डटे रहेंगे क्योंकि उनके पास अब कुछ बचा ही नहीं है। वह इस देश का सबसे गरीब तबका है।

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राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा खून से हस्तरक्षित पत्र

संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक शिव सिंह का कहना है की बसोर समाज सयुक्त किसान मोर्चा की अगुआई में अपनी मांगों को लेकर पिछ्ले 310 दिनो से कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। केंद्र सरकार के तमाम मंत्रीयो को इन 10 महीनों में पत्र भेजा, लेकिन सरकर ने हमारी मांगों पर कोई विचार नहीं किया। आज आंदोलन करते 310 दिन बीत गए आधा सैकड़ा से अधिक बंसल समाज के लोगो में महामहीम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री राज्यपाल, मानवाधिकार आयोग के केंद्रीय मंत्रियों को राज्य सरकार के केबिनेट मंत्रियों को अपने खून से हस्तरक्षित पत्र कलेक्तर को सौंपा है। इसके साथ ही किसान मोर्चा के अध्यक्ष ने ऐलान किया है की अब वह पत्र नहीं सौपेंगे और जल्द ही उनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो लगातर वह 2023 से लेकर 2024 तक भाजपा का विरोध करेंगे।

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