कर्नाटक में मुस्लिम ठेकेदारों को आरक्षण कांग्रेस के ‘अनैतिक चरित्र’ को दर्शाता है : मोहन यादव |

कर्नाटक में मुस्लिम ठेकेदारों को आरक्षण कांग्रेस के ‘अनैतिक चरित्र’ को दर्शाता है : मोहन यादव

कर्नाटक में मुस्लिम ठेकेदारों को आरक्षण कांग्रेस के ‘अनैतिक चरित्र’ को दर्शाता है : मोहन यादव

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Modified Date: March 16, 2025 / 08:36 PM IST
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Published Date: March 16, 2025 8:36 pm IST

भोपाल, 16 मार्च (भाषा) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को कहा कि कर्नाटक में मुस्लिम ठेकेदारों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था वहां सत्तारूढ़ कांग्रेस के “अनैतिक चरित्र” का प्रतिबिंब है और यह कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरेगा।

कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार के मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी थी, जिसके तहत दो करोड़ रुपये तक के (सिविल) कार्यों के ठेके और एक करोड़ रुपये तक के माल/सेवाओं के ठेके का चार प्रतिशत मुसलमानों के लिए आरक्षित किया गया है।

यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा शासकीय कार्यों में ठेकेदारों को धर्म आधारित आरक्षण की व्यवस्था का प्रावधान करना अनुचित एवं निंदनीय है। लोकतांत्रिक देश में इस तरह किसी धर्म विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नियम-प्रावधान कैबिनेट से पास कर लागू करना, यही कांग्रेस का अनैतिक चरित्र है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दलित, पिछड़े और समाज के वंचित लोगों के उत्थान के लिए भाजपा सरकार निरन्तर काम कर रही है; जिससे सभी वर्गों को समाज में पूर्ण सम्मान और अधिकार मिल सके।’’

यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि इतिहास साक्षी है कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान के मूल्यों का सम्मान करने की बजाय जातिगत पक्षपात और समाज के विभिन्न वर्गों में भेदभाव की भावना पैदा करने में मुख्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेसी भारत जोड़ो नहीं, भारत तोड़ो की विचारधारा पर काम कर रहे हैं और कर्नाटक सरकार का यह फैसला इसी राजनीति का उदाहरण है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के धर्म आधारित फैसलों के विरुद्ध पूर्व में भी कई बार माननीय न्यायालयों द्वारा निर्णय दिए गए हैं और इस बार भी कांग्रेस सरकार का यह फैसला न्यायालय में नहीं टिक पाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं धर्म आधारित इस आरक्षण की कड़ी आलोचना करता हूं और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में बैठे मल्लिकार्जुन खरगे जी से कहना चाहूंगा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के तुष्टीकरण के फैसले को वापस कराने के लिए उचित कार्रवाई करें।’’

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत

 

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