Fake lady sarpanch: राजगढ़। सत्ता की भूख और सत्ता की लालच बहुत बुरी होती है। कुर्सी पाने के लिए कोई भी इंसान किस हद तक गिर सकता है इसका अनुमान एक आम आदमी नहीं लगा सकता। लेकिन, सत्ता हासिल करने के लिए उम्मीदवार कुछ भी कर सकता है। फिर वह भले ही बड़े पद की दावेदारी या फिर छोटे। पावर, पावर होता है। सत्ता की लालची एक महिला का एक ऐसी मामला राजगढ़ की ग्राम पंचायत से सामने आया है। जहां फर्जी तरीके से दस्तावेजों का दुरूपयोग कर सत्ता हासिल की गई।
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Fake lady sarpanch: राजगढ़ जिले की ग्राम पंचायत भीलखेड़ा में फर्जी तरीके से एक महिला सरपंच के निर्वाचिन का मामला सामने आया है। यहां सरपंच पद अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला के लिए आरक्षित था। दरअसल, राजस्थान में 15 सालों से रह रही अनीता के नाम व पहचान दस्तावेजों का दुरूपयोग कर विनीता ने चुनाव लड़ा और जीत भी गई। निर्वाचन अधिकारी ने न केवल उसे निर्वाचित घोषित कर प्रमाण पत्र जारी कर दिया। बल्कि उसने घूंघट की आड़ में सरपंच पद की शपथ भी ले ली। इधर, वास्तविक अनीता ने मामले की जनकारी लगने के बाद विनीता के खिलाफ कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी को शिकायत की।
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Fake lady sarpanch: लेकिन कार्यवाही नहीं हुई। इसके बाद नकली विनीता की निकटतम प्रतिद्वंदी ने हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की तब मामला सामने आया। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर पूछा है कि इतनी बड़ी गड़बड़ी आखिर कैसे हो गई? एडवोकेट मनीष विजयवर्गीय ने बताया कि आरोप है कि विनीता रोहेला नामक महिला ने अनिता के आधार कार्ड पर अपना फोटो चिपकाया और अनीता होने का शपथ पत्र निर्वाचन आयोग के समक्ष नामांकन दाखिल कर दिया। इस तरह नाम, पहचान और जाति बदलकर अनीता की पहचान हासिल करने वाली विनीता का नामांकन पत्र स्वीकार भी कर लिया गया।
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Fake lady sarpanch: चुनाव में हारी प्रत्याशी राजल बाई ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने याचिकाकर्ता के तर्क सुनने के बाद मामले में पक्षकार बनाए कुल 15 में दस लोगों को नोटिस जारी किए हैं। मामले में राज्य निर्वाचन आयोग (मप्र) व राजगढ़ जिला निर्वाचन अधिकारी सहित शासन के चार जिम्मेदारों की ओर से उपस्थित अधिवक्ता कमल एरन की प्रार्थना पर कोर्ट ने आगामी 13 सितंबर को मामले की सुनवाई मुकर्रर की है।
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