संतोष मालवीय, रायसेन। मध्यप्रदेश में आदिवासियों के ऊपर अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहे है। ताजा मामला आदिवासी बाहुल्य विकासखंड सिलवानी के ग्राम चैनपुर का है, जहां पुलिस एक आदिवासी युवक को गांव से मारते-पीटते पुलिस चौकी ले गई सुबह घर के बाहरी कमरे में मरा हुआ मिला है। परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना और हत्या करने का आरोप लगाया है, जिसका बुधवार को तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम कर पुलिस के साये में अंतिम संस्कार किया गया।
रायसेन जिले की सिलवानी विधानसभा के सिलवानी थाने की जैथारी पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम चैनपुर में जानकारी के अनुसार, मंगलवार को धार्मिक आयोजन किया जा रहा था। जहां श्रीराम आदिवासी शराब के नशे में उत्पात मचा रहा था। ग्राम सरपंच प्रतिनिधि पप्पू ठाकुर ने पुलिस को इसकी सूचना दी, जिस पर पुलिस ने ग्राम पहुंचकर युवक को पकड़ कर मारपीट की। वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस मंदिर से स्कूल तक मारते-पीटते लेकर आई और स्कूल के पास जूते से पिटाई कर गाड़ी में बिठाकर पुलिस चौकी ले गई।
मृतक श्रीराम आदिवासी के पिता जगमोहन आदिवासी ने बताया कि मंगलवार की शाम 4 बजे जैथारी पुलिस मेरे बेटे को मारते-पीटते ले गई थी और बुधवार की सुबह वो घर के बाहरी कमरे में मरा हुआ मिला है। जब हम बेटे को सिलवानी अस्पताल ले गये तो डॉक्टर द्वारा उसे मृत घोषित कर पोस्टमार्टम किया गया और शाम को पुलिस की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया गया है। मेरे बेटे को पुलिस ले गई थी और उसी ने मरवा दिया है। निरपतसिंह ठाकुर पूर्व सरपंच ने बताया कि मंगलवार की शाम को दो पुलिस वाले आये थे। श्रीराम आदिवासी को पकड़ कर स्कूल के सामने जूतों से पिटाई कर पुलिस चौकी ले गई थी। सुबह देखा तो घर के बाहरी कमरे में मरा हुआ मिला है।
रात के अंधेरे मेे कब कितने बजे, कौन कमरे में छोड़ कर चला यह जानकारी किसी को नहीं है। इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर दुख भी जताया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मांग की कि आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार में पुलिस कोई कार्रवाई करेगी या फिर ऐसे ही चलता रहेगा।
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