भोपाल, 24 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को मध्यप्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना की आधारशिला रखेंगे जो नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय नीति के तहत पहला कदम होगा।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को बताया कि इस परियोजना के तहत मध्यप्रदेश के 10 जिलों के लगभग 44 लाख और उत्तर प्रदेश के 21 लाख लोगों को पेयजल उपलब्ध होगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 44,605 करोड़ रुपये है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना से दो हजार गांवों के करीब 7.18 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। परियोजना के तहत 103 मेगावाट जलविद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का भी उत्पादन होगा।
यादव ने कहा, ‘‘इस परियोजना की आधारशिला रखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसंबर को छतरपुर जिले के खजुराहो में आएंगे। यह परियोजना मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर बदल देगी।’’
उन्होंने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना केंद्र सरकार, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच सहयोग और समन्वय का अनूठा उदाहरण है।
यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के सपने को साकार करने की पहल की है।
इस परियोजना से किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा और पेयजल तथा औद्योगिक उपयोग के लिए भी पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा। क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में भूजल की स्थिति में भी सुधार होगा।
यादव ने कहा कि केन-बेतवा देश की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है, जिसमें भूमिगत पाइप लाइन बिछाई जाएगी। परियोजना के तहत पन्ना बाघ अभयारण्य में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा और 2.13 किलोमीटर लंबा दौधन बांध और दो सुरंगें बनाई जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बांध में 2,853 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी संग्रहित होगा।
उन्होंने कहा कि दौधन बांध से 221 किलोमीटर लंबी लिंक नहर के जरिए केन का अतिरिक्त पानी बेतवा नदी में डाला जाएगा, जिससे दोनों राज्यों में सिंचाई और पेयजल की सुविधा मिलेगी।
परियोजना से 10 जिलों- पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया के दो हजार गांवों में 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे करीब सात लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे।
उन्होंने बताया कि केन-बेतवा परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा मिलेगी और 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई को स्थिर किया जाएगा जिससे उत्तरप्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर और बांदा जिलों को फायदा होगा।
इस परियोजना में मध्यप्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में ऐतिहासिक चंदेलकालीन विरासत तालाबों को बचाने का काम भी शामिल है, जहां बरसात के मौसम में जल संग्रहण किया जा सकेगा।
यादव ने कहा कि दौधन जलाशय पन्ना बाघ अभयारण्य में जंगली जानवरों को साल भर पीने का पानी उपलब्ध कराएगा। वन पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करेगा और उत्तरप्रदेश के बांदा जिले को बाढ़ के खतरे से राहत दिलाएगा।
उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में व्याप्त जल संकट समाप्त होगा और रोजगार के लिए पलायन पर भी रोक लगेगी। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में 22 मार्च 2021 को मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों तथा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री द्वारा एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
भाषा दिमो मनीषा खारी
खारी
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