जबलपुर: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में शोध पाठ्यक्रमों के नाम पर विद्यार्थियों के भविष्य से खेला जा रहा हैं.. छात्रों के शोध के लिए कई शोध पीठ की स्थापना की गई है, बावजूद इसके यूनिवर्सिटी में शोध के काम ठप्प पड़े हुए हैं। आलम ये है कि विश्विद्यालय में शोध पाठ्यक्रमों के लिए बनाई गई शोध पीठ अब सफेद हाथी साबित हो रही है, हर साल लाखों रुपए शोध के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं।
ये है जबलपुर का रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जो घपले, घोटालों और लेतलतीफी के लिए बदनाम हो चुका है। यहां शोध पाठ्यक्रमों के नाम पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने अपनी साख बचाने के लिए अलग-अलग विषयों पर शोध पीठों की शुरुआत बड़े जोर-शोर से की। ये भी कहा कि कम से कम खर्च पर छात्र ज्यादा से ज्यादा नए रिसर्च करेंगे। जिसका फायदा स्टूडेंट्स के साथ- साथ प्रदेश और देश को भी मिलेगा। लेकिन आलम ये हैं कि इन सभी शोध पीठों के जरिए रिसर्च के नाम पर पैसे तो खूब फूंके गए लेकिन शोध एक भी नहीं हुआ।
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रानी दुर्गावती के कुलपति ने बताया कि जल्द ही गुरूनानक शोध पीठ के तहत 2 नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इसमें पंजाबी भाषा के लिए पंजाबी साहित्य अकादमी के सहयोग से पाठ्यक्रम तैयार किए जाएंगे। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय एक समय प्रदेश में अग्रणी रहा है। जिसे देखते हुए शोध पीठों की नींव रखी गई थी, लेकिन बीते कई सालों से ये शोध पीठ सफेद हाथी साबित हो रहे हैं।