बुरहानपुर। Urdu School: लालबाग में शासकीय उर्दू हायर सेकंडरी स्कूल का एक मामला सामने आया है, जहां उर्दू माध्यम के विद्यार्थी ही पढ़ाई कर रहे है, लेकिन बिड़वना ये है कि इन उर्दू माध्यम के विद्यार्थियों को हिंदी की शिक्षिका हिंदी में पढ़ाई करा रही है। जिस कारण इन विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में जा रहा है और विद्यार्थी अपने आपको असहाय महसूस कर रहे है। बार-बार उर्दू शिक्षक की मांग विद्यार्थी करते रहे, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा आखिरकार उर्दू शिक्षक की मांग को लेकर विद्यार्थियों को आंदोलन की राह पकड़ना पड़ी और स्कूल में तालाबंदी कर विद्यार्थियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
Urdu School: दरअसल, पहली से उर्दू माध्यम से पढ़ते आये इस स्कूल के 11 वीं और 12 वीं कक्षा के विद्यार्थीयो को फिजिक्स विषय हिंदी की शिक्षिका हिंदी में पढ़ा रही है। जबकि इन विद्यार्थियों के पास फिजिक्स विषय की पुस्तक भी उर्दू में है ,जिस कारण इन विद्यार्थियों को इस विषय को पढ़ना और समझना लोहे के चने चबाने जैसा महसूस हो रहा है। खास बात ये है कि हिंदी की शिक्षिका होने से आज तक इनका प्रैक्टिकल भी नहीं लिया गया है जिससे यहां की लेबोरेटरी में भी ताला जड़ा हुआ है। उससे भी बड़ी बात ये है कि कुछ समय पहले इन विद्यार्थियों का फिजिक्स विषय का टेस्ट लिया गया था, लेकिन विद्यार्थियों ने स्कूल प्रबंधन को सबक सिखाने के लिए बायलॉजी विषय का टेस्ट दिया था। उर्दू में होने से हिंदी शिक्षिका को कुछ भी समझा नहीं और उन्होंने फिजिक्स विषय का टेस्ट समझकर सभी विद्यार्थियों को पास कर दिया था। हालकि शिक्षा विभाग को भी इसकी पूरी जानकारी है, लेकिन शिक्षा विभाग भी यहां पर उर्दू शिक्षक की बहाली नही कर पाया है।
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Urdu School: आपको बता दे कि इस उर्दू स्कूल में 11 वी कक्षा में करीब 30 और 12 वी कक्षा में 35 विद्यार्थी फिजिक्स विषय से अध्ययन कर रहे है। उसके बाद भी शिक्षा विभाग इस स्कूल में उर्दू शिक्षक की बहाली नही कर सका है। वहीं भविष्य की चिंता करते हुए मजबूरी में कुछ विद्यार्थियों ने बायलॉजी विषय छोड़ आर्ट में एडमिशन ले लिया है इसी के साथ विद्यार्थी अनेकों बार स्कूल प्रबंधन से उर्दू शिक्षक की मांग करते रहे, लेकिन इनकीं समस्या का कोई निराकरण नही हो सका। आखिरकार विद्यार्थियों ने स्कूल में ताला बंदी कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया है। विद्यार्थियों का कहना था कि पहली से उर्दू मीडियम से पढ़ते चले आ रहे है 11 वीं और 12 वीं कक्षा में आने के बाद हमारे सामने इतनी बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। फिजिक्स विषय उर्दू शिक्षक की जगह हिंदी शिक्षिका रीना अग्रवाल हिंदी में पढ़ा रही है जिस कारण इस विषय को पढ़ पाना और समझना चुनोतीपूर्ण हो गया है।
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Urdu School: अब हमको हमारी भविष्य की चिंता सताने लगी है एक बार हिंदी शिक्षिका ने फिजिक्स विषय का टेस्ट लिया था। हम सभी विद्यार्थियों ने एकजुट होकर फिजिक्स की जगह बायलॉजी विषय से टेस्ट दे दिया था, लेकिन हिंदी शिक्षिका को उर्दू नही आने से उन्होंने बायलॉजी के टेस्ट को फिजिक्स विषय का टेस्ट समझकर सभी को पास कर दिया था। जिसके बाद ये पूरी बात स्कूल प्रबंधन के पास रखी थी उसके बाद भी स्कूल प्रबंधन इसमे किसी तरह की कार्यवाही नही कर सका है और ना ही उर्दू शिक्षक लाने के लिए कोई प्रयास किये है।
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