भोपाल। Pension rules will change after 46 years : पेंशन नियम 1976 अब 46 साल बाद बदलने जा रहा है। मध्यप्रदेश कर्मचारी आयोग ने इसकी रिपोर्ट तैयारी कर ली है। वहीं जल्द ही शासन को यह रिपोर्ट सौंपी जाएगी। जिसके बाद यह लागू हो जाएगा। अब कर्मचारियों के मन में यह सवाल बार-बार उठ रहा है कि नए नियम से पेशंनरों को फायदा होगा या नुकसान। तो आपको बता दें कि नए नियम के तहत रिटायरमेंट के बाद एक दिन भी किसी कर्मचारी की पेंशन नहीं रुकेगी। यदि इसे रोका गया तो जिला पेंशन अधिकारी सीधे जिम्मेदार होंगे और उन पर कार्रवाई हो जाएगी। ब्याज सरकार भरेगी।
Pension rules will change after 46 years : वहीं नए नियमों का फायदा हर साल रिटायर होने वाले 7000 से अधिक सरकारी सेवकों को मिलेगा। बता दें कि लंबे समय से पेंशन नियमों को बदलाव को लेकर कवायद चल रही थी। इस बीच अधिकारी के इस्तीफे और उसके बाद नए अधिकारी की पोस्टिंग के बाद पेंशन पर नया नियम तैयार हुआ है। बता दें कि चालू वित्तीय वर्ष की शुरुआत में पूर्व आईएएस जीपी सिंघल को इसकी जिम्मेदारी दी गई। जिसके बाद यह पेंशन पर रिपोर्ट तैयार हुआ है।
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Pension rules will change after 46 years : अब पेंशन के नए नियमों की यह रिपोर्ट शिवराज कैबिनेट में पेश यिका जाएगा। वहीं मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि जनवरी 2023 से इसका लाभ रिटायर होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया जा सकता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि आयोग का कार्यकाल 11 दिसंबर 2022 को पूरा हो रहा है। वहीं कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही यह लागू हो जाएगा।
किन-किन नियमों में होंगे बड़े बदलाव..देखें
– अधिकारी-कर्मचारी लापता है या उसका सेवा के दौरान निधन हो गया है तो उसका आवेदन तुरंत मंजूर होगा।
– कल्याणी, दिव्यांग या तलाकशुदा का नाम पेंशन सूची में कैसे जुड़ेगा।
– अधिकारी-कर्मचारी खुद फाइल तैयार करेंगे। विभाग का डीडीओ मदद करेगा।
– दायित्व पूरा जिला पेंशन अधिकारी का होगा कि रिटायरमेंट से पहले पेंशन पेमेंट ऑर्डर तैयार हो जाए।
– यदि किसी कारणवश देरी हुई तो इसका कारण जिला पेंशन अधिकारी को देना होगा, अन्यथा कार्रवाई होगी।
– सारा काम ऑनलाइन सिस्टम पर होगा।
– केंद्र के नियमों के अनुसार ही उसे सरल किया जाएगा।
– सर्विस बुक में जन्म तारीख की गड़बड़ी हो या नियुक्ति संबंधी कोई गफलत हो तो उसे रिटायरमेंट से पहले ही दुरुस्त करना होगा।
– डीडीओ का हस्तक्षेप कम करेंगे
– कोई पेनाल्टी या वसूली का मसला है तो उसे भी समय से पहले दुरुस्त करेंगे।
– सर्विस बुक अधूरी पाई गई तो संबंधित व्यक्ति की जवाबदारी तय होगी।
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