नर्मदापुरम: शासकीय विभागों में भ्रष्टाचार एवं कमीशन खोरी कितनी हद तक होती है यह तो आपने सुना ही होगा, (MP Narmadapuram News) पूरा मामला नर्मदापुरम के कार्यपालन यंत्री (भवन) लोक निर्माण विभाग पीआईयू के अधिकारियों एवं बाबुओं पर ठेकेदार एवं मजदूरों ने कार्यालय के सामने बैठकर विभाग पर कमीशन खोरी एवं भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं ठेकेदार ने कर्मचारियों पर 5% कमीशन लेकर भुगतान का आरोप लगाया है, ठेकेदार का कहना है की उसने समय पर बिल्डिंग निर्माण का कार्य कर दिया लेकिन समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है। दफ्तर के सामने बैठकर मजदूरों ने अधिकारियों के खिलाफ हाय हाय एवं मुर्दाबाद के नारे भी लगा है ।
दरअसल शिवा कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार मनजीत सिंह द्वारा बनखेड़ी में सरकारी कॉलेज के लिए 5:30 करोड रुपए की लागत से बिल्डिंग बनाने का टेंडर हुआ था ठेकेदार की माने तो बिल्डिंग का कार्य पूरा हो चुका है केवल सामने सड़क का निर्माण बाकी है वहीं ठेकेदार ने बताया कि पी यू के अधिकारी एवं बाबू ने उसे उपयोगिता प्रमाण पत्र देकर बिल्डिंग कॉलेज प्रबंधन के हैंडोवर करवा दिया था ठेकेदार ने बताया कि उसे चार करोड़ का भुगतान हो चुका है एक करोड़ अभी भी बाकी है उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है कार्यालय के अधिकारी और बाबू उसे 5% कमिशन की मांग भी कर रहे हैं ठेकेदार ने बताया कि एक करोड रुपए का भुगतान बाकी है। हमारे पास 40 मजदूर काम करते हैं जिनका भुगतान रुका हुआ है मजदूरों को करीब 6 लाख रुपए देना है।
ठेकेदार ने बताया की विभाग द्वारा परेशान किया जा रहा है। इसी के चलते आज धरने पर बैठना पड़ा ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को तत्काल रूप से सस्पेंड कर दिया जाना चाहिए पीआईयू लोक निर्माण विभाग में पदस्थ मयंक शुक्ला है। यहां पर एसडीओ हैं यहां पर इन्हें बना दिया गया है ठेकेदार ने आरोप लगाया कि छतरपुर में भी इनके द्वारा इसी प्रकार कार्य के चलते भगा दिया गया। मुझे छठवें माह में पी आई यू के कर्मचारियों ने मुझे कम से हटा दिया हाथ पैर जोड़कर और ऊपर से सिफारिश करके मुझे यह काम वापस दिया गया 90% कम हो जाने के बाद इन्होंने मुझे हटाया था, और अब एक करोड़ रुपए के भुगतान के लिए मुझे परेशान किया जा रहा है। वहीं पूरे मामले को लेकर पीयू के कार्यपालन यंत्री मयंक शुक्ला का कहना है की बिल्डिंग बनाने का ठेका ठेकेदार को 5 साल पहले दिया गया था जिसे 4 साल में ठेकेदार को यह बनाकर देना था लेकिन ठेकेदार ने ऐसे नहीं बना कर दे पाया कोई
कार्यपालक नियंत्रक ने बताया कि बुधवार को जांच करने हमारी टीम पहुंची थी जिन्हें ठेकेदार वह मजदूरों ने बिल्डिंग के अंदर जाने नहीं दिया काम के अनुसार पेमेंट का भुगतान हो चुका है उन्होंने बताया कि तीन से चार लाख के पेमेंट का भुगतान फाइनेंस से रोक लगी होने के कारण भुगतान नहीं हो सका है उनके द्वारा लगाया गया सभी आरोप निराधार हैं।
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