MP's record was in Satpura Bhavan for 43 years
MP’s record was in Satpura Bhavan for 43 years : भोपाल। सतपुड़ा भवन में सोमवार को भीषण आग लगी थी। जिसको बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम के अलावा सेना के जवानों ने भी मोर्चा संभाला था। इस आग ने शासन के विभागों में रखे दस्तावेजों को राख कर दिया। जिसके बाद से तो मानो सियासी हलचल में भूचाल सा आ गया। विपक्षी पार्टियां शिवराज सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाती हुई नजर आ रही है। सतपुड़ा भवन की आग भले की बुझ गई है लेकिन कांग्रेसियों दिल में प्रदेश सरकार के खिलाफ अभी भी आग धधक रही है।
MP’s record was in Satpura Bhavan for 43 years : कांग्रेसियों का तो मानना है कि जबलपुर में जब प्रियंका गांधी ने आम सभा के समक्ष शिवराज सरकार के घोटालों का काला चिट्ठा खोलना शुरू किया तो वहीं शाम को सतपुड़ा भवन में आग कैसे लग गई। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब सतपुड़ा भवन में आग लगी हो पहले भी इसी भवन में आग लग चुकी है।
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने तो शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कह डाला की ये सतपुड़ा भवन नहीं बल्कि शिवराज सिंह की लंका जली है। कांग्रेसियों ने लगातार शिवराज सरकार पर बयानेबाजी की। वहीं कमलनाथ तो ये तक कह दिया कि शिवराज सरकार को अब हार का डर सताने लगा है ये आग जनता के विश्वास में लगाई है। कई नेताओं ने तो कहा कि शिवराज सिंह अपने भ्रष्टाचार को समक्ष चुके है। इसलिए पूरे दस्तावेज को राख कर दिया है।
वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार ने कहा कि दस्तावेज राख भले ही हुए है लेकिन कंम्प्यूटर सिस्टम में जो डाटा था उसको रिकवर कर लिया जाएगा। पूरा डाटा हमारे पास सेव है। ई ऑफिस सिस्टम द्वारा पूरे डाटा को दूसरे सिस्टम की सहायता से रिकवर किया जाएगा।
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बता दें कि सूत्रों के अनुसार पता लगा है कि दो साल से अफसरों ने ई-ऑफिस सिस्टम लागू ही नहीं था तो फाइलें रिकवर कहां से होगी। वहीं अगर ऐसा होता तो फाइलें रिकवर हो जाती। अगर ऑफिस ई सिस्टम लागू नहीं है तो इसमें प्रदेश की सरकार की सबसे बड़ी भूल और लापरवाही है। हालांकि प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दे दिए है। सतपुड़ा भवन में मध्यप्रदेश का 43 साल का रिकॉर्ड था जिसको रिकवार करने के चांस काफी कम है।