भोपाल, चार जनवरी (भाषा) भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े 337 टन जहरीले अपशिष्ट के धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक शहर में निपटान को लेकर विरोध प्रदर्शनों के बीच, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मुद्दे से जुड़ी ताजा स्थिति से अदालतों को अवगत कराने और अगला अदालती आदेश मिलने तक आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है।
यह निर्णय स्थिति की समीक्षा के लिए शुक्रवार रात हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान लिया गया।
यादव ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘हम इस मामले को अदालत के समक्ष लाएंगे और अदालती आदेश का अनुपालन करते हुए ही आगे कोई कार्रवाई करेंगे।’’
मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है और जनता को कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
यादव ने बैठक में वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों, प्रशासन और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों और विधि विशेषज्ञों के साथ यूनियन कार्बाइड के कचरे के स्थानांतरण और पीथमपुर के पास इसके निपटान के संबंध में चर्चा की।
उन्होंने कहा कि उन्होंने उपमुख्यमंत्रियों जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला, वरिष्ठ सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, प्रमुख सचिव विधि और मुख्यमंत्री कार्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में यूनियन कार्बाइड के कचरे के निपटान से संबंधित कार्य के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
यादव ने कहा, ‘‘मध्यप्रदेश सरकार जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है इसलिए हमने हमेशा जनता के हितों को ध्यान में रखकर आगे कदम बढ़ाया है। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों और उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीथमपुर पहुंचाया गया है।’’
उन्होंने कहा कि अदालत की याचिकाओं और आदेशों के अनुरूप सुरक्षा मापदंडों का पालन करते हुए ही कचरा पहुंचाया गया है। अदालत ने चार जनवरी से पहले कचरे को निर्धारित स्थान पर पहुंचाने की समयसीमा दी थी। अदालत ने छह जनवरी तक रिपोर्ट आने की अपेक्षा की है।
यादव ने कहा कि उन्होंने मौजूदा हालात का संज्ञान लिया है और ऐसी परिस्थितियों में अगर जनता में सुरक्षा को लेकर कोई खतरा या भय की भावना पैदा होती है तो राज्य सरकार इस विषय को अदालत के समक्ष रखने का प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा कि इसके बाद ही आगे कोई कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘न्यायालय जो भी आदेश देगा, हम उसका पालन करने के लिए तैयार रहेंगे। जब तक न्यायालय कोई निर्देश जारी नहीं करता, तब तक हम आगे नहीं बढ़ेंगे।’’
इससे पहले दिन में, भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े 337 टन जहरीले कचरे के नियोजित निपटान के खिलाफ पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद अधिकारियों ने उस कंपनी के परिसर के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी जहां कचरे का भस्मीकरण किया जाएगा।
विरोध प्रदर्शन के दौरान दो व्यक्तियों ने आत्मदाह का प्रयास किया और ‘पीथमपुर बचाओ समिति’ द्वारा दिए गए बंद के आह्वान के बीच शहर के कई हिस्सों में छिटपुट विरोध प्रदर्शन जारी रहे।
भाषा दिमो सिम्मी
सिम्मी
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