मुरैना। जिले के रामपुर थाना क्षेत्र के बामसौली गांव में बंधक बनाकर मजदूरों से ईट भट्टे पर कार्य कराया जा रहा था। मजदूरों के परिजनों ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में लिखित में की थी, उसके बाद कलेक्टर और एसपी ने एक टीम गठित कर सारे मजदूरों को मुक्त कराया। बामसौली में ईंट भट्टा पर बंधुआ बनाकर रखे 12 श्रमिक परिवारों को प्रशासन, माइनिंग व पुलिस टीम ने मंगलवार को मुक्त कराकर उनके पारिश्रमिक के 4.45 लाख रुपए का भुगतान कराया और सभी श्रमिकों को लोडिंग वाहन से पीलीभीत यूपी रवाना कर दिया।
बंधुआ मजदूरी कर रहे श्रमिकों के ठेकेदार मोहम्मद शाहरुख ने बताया कि 12 परिवारों के 45 सदस्य अक्टूबर 2022 से बामसौली के नाई डांडा में शिशुपाल सिंह, मुंशी सिंह के ईंट भट्टा पर काम कर रहे हैं। पुलिस मजदूरों से पूछताछ कर रही है उसके बाद एक बट्टा मालिकों पर मामला दर्ज किया जाएगा। आरोप है की ईंट भट्टा मालिक मजदूरी नहीं दे रहा और न ही घर जाने दे रहा है। यहां तक कि बीमार बच्चों का इलाज कराने के लिए भी उन्हे अस्पताल जाने से रोका जा रहा था।
मानव अधिकार काे भेजी शिकायत पर प्रशासन ने एक टीम मुरैना से भेजी जिसमें श्रम विभाग, खनिज विभाग के अफसर थाना प्रभारी रामपुर पवन भदौरिया को साथ लेकर ईंट भट्टा पहुंचे और 12 श्रमिक परिवारों को 4 लाख 45 हजार 436 रुपए का नकद भुगतान कराया और महिलाओं से पूछताछ कर सभी मजदूरों को उनके निवास स्थान उत्तर प्रदेश पीलीभीत के लिए रवाना किया गया।
मजदूरों का कहना था कि काफी लंबे समय से बंधक बनाकर मजदूरी कराई जा रही थी। इसकी शिकायत उन्होंने जब भी खनिज विभाग के अधिकारी जांच करने आते थे तब उन्होंने कहा लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी ने ईट भट्टे वालों पर कार्रवाई नहीं की। इससे ऐसा लग रहा है कि जिले में जितने भी नेटवर्क के संचालित हो रहे हैं की उन सभी मजदूरों से इसी तरह से मजदूरी कराई जा रही है, लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी कोई कार्रवाई करने को तैयार ही नहीं है। IBC24 से सतेंद्र सिंह तोमर की रिपोर्ट
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