मुरैना। जिले की शासकीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय परिसर में कन्या छात्रावास में छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की शिकायत छात्राओं ने कलेक्टर से लेकर जिले के सभी अधिकारियों से की, लेकिन उसके बाद भी उनकी समस्या का हल नहीं हुआ। छात्राओं की माने तो छात्रावास प्रबंधन उनको सही समय पर खाना नहीं देती और खाने में कंकड़ निकलते हैं। खाने की जो क्वालिटी शासन द्वारा निर्धारित की है उस साहब से उनको खाना नहीं मिल रहा है।
इन समस्याओं से जूझ रहीं छात्राएं
छात्राओं का कहना है कि शिकायत करने पर प्रबंधन उनको धमका आता है। साथी छात्राओं की जो छात्रवृत्ति दी जाती है वह भी नहीं मिली है। हर बार यही आश्वासन दिया जाता है कि जल्द ही छात्रवृत्ति दी जाएगी। छात्राओं की तबीयत खराब होने पर या तो छात्राएं 5 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचती हैं या फिर एंबुलेंस बुलाकर वह अस्पताल में इलाज कराने के लिए जाती है, लेकिन प्रबंधन उनके साथ इलाज कराने के लिए नहीं जाता और ना ही वह छात्रावास परिसर में रहती है।
छात्राओं ने आरोप लगाए हैं कि प्रबंधन उनसे लगातार धमकी देता है कि वह अधिकारियों को पैसे देती हैं इसलिए प्रबंधन पर कोई भी अधिकारी कार्यवाही नहीं करेगा। चंबल संभागीय ज्ञानोदय छात्रावास इसतहर के विवादों के घेरों में रहा है, लेकिन तब भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश
इस पूरे मामले में मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना ने एक जांच कमेटी गठित कर पूरे मामले की जांच करा कर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने बताया जिले के सभी छात्रावासों में अधिकारी जाकर जांच करें और छात्र-छात्राओं को जो भी परेशानी आ रही है उसका तत्काल निराकरण किया जाए, जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों से कहा गया है कि क्षेत्र में दौरा कर छात्रावासों की जांच भी करें, मध्यप्रदेश शासन द्वारा अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए संपूर्ण व्यवस्था की जा रही है उसके बाद भी उन्हें कोई परेशानी आ रही है तो दोषी अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही हो।
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