Morena News: फर्जी राशन कार्ड धारियों पर कलेक्टर का एक्शन, 1750 फर्जी बीपीएल राशन कार्डों को किया निरस्त, तहसीलदार के खिलाफ दिए कार्रवाई के निर्देश |

Morena News: फर्जी राशन कार्ड धारियों पर कलेक्टर का एक्शन, 1750 फर्जी बीपीएल राशन कार्डों को किया निरस्त, तहसीलदार के खिलाफ दिए कार्रवाई के निर्देश

Morena News: फर्जी राशन कार्ड धारियों पर कलेक्टर का एक्शन, 1750 फर्जी बीपीएल राशन कार्डों को किया निरस्त, तहसीलदार के खिलाफ दिए कार्रवाई के निर्देश

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Reported By: Satendra Singh Tomar

Modified Date:  January 10, 2024 / 03:40 PM IST, Published Date : January 10, 2024/3:40 pm IST

मुरैना। Morena News:  मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में 1750 फर्जी बीपीएल राशन कार्डों को जांच कर निरस्त कर दिया है। तत्कालीन तहसीलदार नरेश शर्मा ने फर्जी तरीके से 1750 राशन कार्ड बनाकर जनपद पंचायत के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में बटवाएं उसके बाद उसकी जांच मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना ने एसडीम जोरा को दी, बताया जा रहा है कि जोरा में पदस्थ तत्कालीन तहसीलदार नरेश शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए राशन कार्ड बनाए थे जिसकी शिकायत ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों ने मुरैना कलेक्टर से की। जब कलेक्टर ने इसकी जांच कराई तो 1750 फर्जी बीपीएल राशन कार्ड पाए जिसके बाद उसे निरस्त किया गया है। 60 से अधिक गांवों के लोगों के बने फर्जी राशनकार्ड के शिकायत पर से कलेक्टर ने जोरा एसडीएम से जांच कर सभी राशन कार्ड को निरस्त कर दिया गया। जिसके बाद तत्कालीन तहसीलदार नरेश शर्मा के खिलाफ कलेक्टर ने जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए।

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इसके साथ ही कलेक्टर ने ये भी कहा कि राशनकार्डधारियों ने सरकार की योजना का लाभ लिया होगा तो उनसे भी वसूली की जाएगी। बताया जा रहा है कि राशन कार्ड बनाने में पैसे का लेनदेन भी पटवारी के माध्यम से हुआ है और राशन कार्डधारी ने सरकार की योजनाओं के लाभ भी लिए है। एसडीएम प्रदीप तोमर ने अपने आदेश में तत्कालीन तहसीलदार नरेश शर्मा के नाम का जिक्र करते हुए लिखा है कि उक्त राशन कार्डों का तहसील व एसडीएम कार्यालय में कोई रिकॉर्ड ही नहीं है।

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Morena News:  तहसीलदार नरेश शर्मा ने पटवारी से आवेदन लेकर उन्हें आवक-जावक शाखा से जनपद पंचायत सीईओ को भेज दिया था। कई आवेदनों में तो पटवारी के हस्ताक्षर ही नरेश शर्मा द्वारा फर्जी किए गए हैं। इसलिए इस पूरे घोटाले में नरेश शर्मा तत्कालीन तहसीलदार का नाम सामने आया है इसलिए उनके खिलाफ कलेक्टर ने जांच के आदेश देकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

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