मुरैना। जिले में एक बार IBC24 की खबर का बड़ा असर हुआ है। मुरैना जिले में यूरिया खाद का संकट लाइसेंसी दुकानदारों द्वारा की जा रही कालाबाजारी के कारण बढ़ रहा है। यह हकीकत जिला प्रशासन द्वारा छापामार कार्यवाही में सामने आई। प्रशासन की टीम को दुकानदार के ऑनलाइन रिकॉर्ड में 1066 बोरी यूरिया का स्टॉक मिला, लेकिन गोदाम में देखा तो उसमें मात्र 102 बोरी यूरिया के निकले। गौरतलब है कि बीते 1 सप्ताह से मुरैना जिले में यूरिया का संकट है।
खाद के लिए किसानों की कतार लग रही है। कैलारस में किसान खाद के लिए चक्का जाम कर चुके थे। IBC24 किसानों के परेशानी की खबर को लगातार प्रमुखता से दिखा रहा था, उसके बाद कलेक्टर ने अधिकारियों को कार्यवाही करने के निर्देश दिए। किसानों की भीड़ ने कलेक्टर आवास के सामने प्रदर्शन किया, जिसके बाद कलेक्टर अंकित अस्थाना ने जिले भर के अफसरों की मीटिंग ली, जिसमें कलेक्टर ने कहा कि जब पर्याप्त मात्रा में खाद है तो यह संकट नहीं होना चाहिए।
कलेक्टर को शिकायत मिली थी, कि जिन व्यापारियों को बाजार में खाद बेचने दिया जाता है वह सरकारी रेट पर खाद बेचने के बजाय एक बोरे को 40 से 50₹ अधिक में ब्लैक कर रहे हैं। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम भूपेंद्र सिंह कुशवाह उपसंचालक कृषि आनंद बिहारी सरैया मुरैना तहसीलदार व पुलिस की टीम ने जीवाजी गंज स्थित कई खाद की दुकानों पर जांच पड़ताल की जब यह टीम मेंबर्स चंबल खाद भंडार की दुकान पर पहुंची और ऑनलाइन खाद वितरण वाला पीओएस रिकॉर्ड चेक किया। ऑनलाइन रिकॉर्ड में बताया गया कि व्यापारी के पास 1066 बोरे का स्टॉक रखा है।
जांच करने पहुंचे अफसरों को इतने भारी मात्रा में स्टॉक होने सूचना लगी और तत्काल गोदाम खुलवाया गया। गोदाम के एक कोने में कुछ यूरिया के बोरे रखे थे, जिनकी गिनती की गई तो वहां सिर्फ 102 बोरे निकले यानी कि 964 बोरे गायब थे। प्राथमिक जांच में खाद की कालाबाजारी सामने आने के बाद कृषि विभाग के निरीक्षक ने चंबल खाद भंडार के संचालक पर FIR के लिए कोतवाली थाने में आवेदन दिया। कलेक्टर के निर्देश पर कोतवाली थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। IBC24 से सतेंद्र सिंह तोमर की रिपोर्ट