भोपाल: प्रदेश की पॉलिटिक्स में किसान हमेशा से केंद्र में रहा है और उनसे जुड़े मुद्दों पर सियासी वार-पलटवार होना कोई नई बात नहीं है। इस समय भी समर्थन मूल्य पर रूकी हुई मूंग खरीदी के मसले पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस का सीधा तंज है कि केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार वाले डबल इंजन के बाद भी प्रदेश के साथ सौतेला बर्ताव किया जा रहा है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस का काम सिर्फ ट्वीट करने तक सीमित है। उनकी सरकार सदा किसानों के लिए तत्पर खड़ी है। इन सब के बीच किसान परेशान हैं और इंतजार में है कि सरकार के वायदे के मुताबिक उनकी मूंग की फसल का दाना-दाना कब तक खरीदा जाता है।
Read More: दिग्गज क्रिकेटर ने किया सन्यास का ऐलान, रह चुके हैं टीम के कप्तान
मध्यप्रदेश में इस बार ग्रीष्मकालीन मूंग के बम्पर उत्पादन से किसानो के चेहरे खिले, तो सरकार भी खुश हो गई। राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य सात हजार 196 रुपये प्रति क्विंटल पर मूंग खरीदी के लिए अनुमति भी दे दी। प्रदेश सरकार ने जोर शोर से प्रचार कर किसानो से कहा कि मूंग का एक एक दाना सरकार खरीदेगी। प्रदेश के 3 लाख से ज्यादा किसानो ने 8.16 लाख हैक्टेयर का पंजीयन करवाया। सरकार ने 90 दिनों के लिए मूंग की खरीदी शुरू कर दी पर महज 45 दिन में ही केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित कोटे की मूंग खरीदी पूरी हो गई। फिलहाल मूंग खरीदी बंद है। मध्य प्रदेश सरकार बार बार केंद्र मूंग खरीदी के कोटे को बढ़ाने की मांग कर रही है।
Read More: चीन में फिर बढ़ने लगा कोरोना का संक्रमण, कई हवाई सेवाओं को किया सस्पेंड
मध्य प्रदेश में बीजेपी शासित शिवराज सिंह चौहान की सरकार है। ऐसे में मोदी सरकार के सामने बार बार प्रदेश सरकार की ये मांग कांग्रेस के लिए सियासी मुद्दा बन गया है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिल्ली दौरे और किसानो की मूंग खरीदी के कोटे की मांग को कांग्रेस ने प्रदेश के लिए सियासी मुद्दा बना लिया है। कांग्रेस ने किसानों के बहाने केंद्र सरकार और प्रदेश की शिवराज सरकार पर डबल अटैक किया है। कमलनाथ ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मध्यप्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, मुख्यमंत्री के बार-बार गुहार लगाने के बाद भी मूंग खरीदी का लक्ष्य बढ़ाया नहीं जा रहा है। इस मामले में कमलनाथ ने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर तत्काल मूंग खरीदी शुरू करने की मांग की है। कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी ने कहा है कि केंद्र सरकार सौतेला व्यवहार नहीं कर रही है। कमलनाथजी बताएं कि उनकी सरकार थी तब उन्होंने किसानों के लिए क्या किया?
मूंग के बहाने के एक बार फिर मध्य प्रदेश में किसान सियासत का केंद्र बिंदु है। प्रदेश में आने वाले समय में 3 विधानसभा और एक लोकसभा का उपचुनाव होना है साथ त्रि स्तरीय पंचायतीराज और निकाय चुनाव भी होने है ऐसे में किसानों की नाराजगी सत्तारूढ़ बीजेपी पर भारी पड़ सकती है। बीजेपी इस बात को जानती है ऐसे में सरकार किसानो से एक एक दाना खरीदने की बात कह रही है। वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव में किसान कर्ज माफ़ी का मास्टर स्ट्रोक चल सत्ता हासिल कर चुकी कांग्रेस इस मुद्दे के बहाने किसानो की सहानभूति की लहर पर सवार होने की कोशिश में है।