दमोह (मध्यप्रदेश), 19 नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के दमोह में स्वदेशी मेले के आयोजकों पर मंगलवार को एक समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि आयोजकों ने अचानक उन्हें उनकी दुकानें बंद करके चले जाने को कहा।
एक सह-आयोजक ने मंगलवार को आरोपों से इनकार किया, जबकि जिलाधिकारी ने जांच का आश्वासन दिया।
स्वदेशी मेला 14 नवंबर को दमोह के तहसील मैदान में शुरू हुआ।
आगरा के मूल निवासी स्टॉल मालिक मोहम्मद राशिद ने संवाददाताओं को बताया, “हमें मेले में आमंत्रित किया गया था और हम पांच दिन पहले यहां पहुंचे। हमने तीन से चार दिन पहले अपनी दुकानें लगाईं, लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा। रविवार को कुछ आयोजक आए और उन्होंने हमें बताया कि एक विशेष समुदाय के लोगों को स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं है।’’
उन्होंने आगे दावा किया कि आयोजकों ने उन्हें अपना सामान समेटकर चले जाने को कहा।
राशिद ने दावा किया, ‘‘मेले से कम से कम आठ से 10 दुकानदारों को हटा दिया गया।’’
स्वदेशी मेला के सह-आयोजक श्रीराम पटेल ने आरोपों से इनकार किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मेले में ऐसी कोई घटना नहीं हुई। आयोजकों ने किसी को भी अपनी दुकानें हटाने का निर्देश नहीं दिया है।’’
पटेल के अनुसार, स्टॉल एक वेंडर के माध्यम से लगाए गए थे, जिसने उन्हें दूसरे मेले में जाने को कहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह उनकी खुद की मर्जी है। हम इस मुद्दे पर उनसे कुछ नहीं कह सकते।’’
मेले का आयोजन स्वदेशी मेला संस्था द्वारा किया जाता है, जो सामाजिक क्षेत्र में काम करती है।
दमोह जिलाधिकारी सुधीर कोचर ने कहा कि कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेला स्वदेशी मेला संस्था द्वारा आयोजित किया जाता है। यह उनकी मर्जी है कि वे स्टॉल लगाने की अनुमति दें या नहीं। हालांकि, हम मामले की जांच करवाएंगे।’’
भाषा सं दिमो खारी
खारी
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