भोपाल, आठ नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) में हाल ही में 10 हाथियों की मौत के बाद मध्यप्रदेश वन विभाग हाथियों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए सैटेलाइट कॉलर का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। शुक्रवार को एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पिछले महीने हाथियों की मौत के बाद राज्य सरकार कई उपायों की घोषणा कर रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहले घोषणा की थी कि मध्यप्रदेश के वन अधिकारियों को हाथियों की अधिक आबादी वाले अन्य राज्यों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा।
प्रदेश के उमरिया जिले में 29 अक्टूबर को बीटीआर के खलील रेंज के अंतर्गत सांखनी और बकेली में चार जंगली हाथी मृत पाए गए, जबकि 30 अक्टूबर को चार और 31 अक्टूबर को दो की मौत हो गई।
पीटीआई भाषा से बात करते हुए प्रदेश के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एल कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘हमने तमिलनाडु से दो सैटेलाइट कॉलर मांगे हैं, जो इस सप्ताह मध्यप्रदेश पहुंचने की उम्मीद है। हम बीटीआर में दो हाथियों पर उन्हें लगाकर शुरुआत करेंगे।’
उन्होंने कहा कि विभाग राज्य के सभी 150 जंगली हाथियों पर सैटेलाइट कॉलर लगाने की योजना बना रहा है। कृष्णमूर्ति दो दिन पहले राज्य में हाथियों के प्रबंधन के लिए गठित नौ सदस्यीय हाथी सलाहकार समिति के प्रमुख हैं।
दस हाथियों की मौत की जांच ने निष्कर्ष निकाला था कि उनके आंत में न्यूरोटॉक्सिन साइक्लोपियाज़ोनिक एसिड था, लेकिन यह ‘ज़हर’ का मामला नहीं है।
वरिष्ठ अधिकारी ने पहले कहा था कि विसरा रिपोर्ट से पता चला है कि विषाक्तता बड़ी मात्रा में कोदो बाजरा के पौधों के सेवन के कारण है।
जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर, मुख्यमंत्री ने कथित चूक के लिए दो वरिष्ठ रिजर्व अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
भाषा दिमो मनीषा रंजन
रंजन
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