मप्र: आदिवासियों की भीली बोली में भी सुना जा सकेगा प्रधानमंत्री का ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम |

मप्र: आदिवासियों की भीली बोली में भी सुना जा सकेगा प्रधानमंत्री का ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम

मप्र: आदिवासियों की भीली बोली में भी सुना जा सकेगा प्रधानमंत्री का ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम

:   Modified Date:  November 18, 2024 / 09:30 PM IST, Published Date : November 18, 2024/9:30 pm IST

इंदौर, 18 नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के जनजातीय समुदाय में ज्ञान के प्रसार के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम की 62 कड़ियों का भीली बोली में अनुवाद किया गया है। राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा सोमवार को जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।

विज्ञप्ति में बताया गया कि आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के 80 से ज्यादा शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम की 62 कड़ियों का भीली बोली में अनुवाद किया है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, इन शिक्षकों ने राष्ट्रपति के पिछले 12 वर्ष के प्रमुख भाषणों और प्रधानमंत्री के गत 10 वर्ष के प्रमुख भाषणों का भी भीली बोली में अनुवाद किया है।

विज्ञप्ति में बताया गया कि कक्षा एक से पांच तक की हिन्दी विषय की पाठ्यपुस्तकों, कक्षा तीन से पांच तक की पर्यावरण विषय की किताबों का भी भीली बोली में अनुवाद किया जा चुका है और इस बोली में अन्य पुस्तकों के अनुवाद का काम जारी है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा कृत्रिम मेधा (एआई) पर आधारित एक विशेष टूल भी तैयार किया जा रहा है।

विज्ञप्ति में बताया गया कि इस टूल के उद्देश्यों में जनजातीय बोलियों में द्विभाषी शब्दकोश और त्रिभाषी प्रवीणता मॉड्यूल तैयार किया जाना और नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप कक्षा एक, दो और तीन के विद्यार्थियों के लिए जनजातीय बोलियों में बुनियादी किताबें तैयार किया जाना शामिल है।

भाषा हर्ष जितेंद्र

जितेंद्र

 

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