मप्र : कुनो राष्ट्रीय उद्यान फिर से खुला, चीता देखने के लिए पर्यटकों को करना होगा और इंतजार |

मप्र : कुनो राष्ट्रीय उद्यान फिर से खुला, चीता देखने के लिए पर्यटकों को करना होगा और इंतजार

मप्र : कुनो राष्ट्रीय उद्यान फिर से खुला, चीता देखने के लिए पर्यटकों को करना होगा और इंतजार

:   Modified Date:  October 6, 2024 / 05:37 PM IST, Published Date : October 6, 2024/5:37 pm IST

श्योपुर, छह अक्टूबर (भाषा) मध्यप्रदेश का कुनो राष्ट्रीय उद्यान मानसून के दौरान बंद रहने के बाद रविवार को पर्यटकों के लिए फिर से खुल गया। कुनो, देश में चीतों के लिए एकमात्र आवास स्थल है।

हालांकि चीतों की एक झलक पाने के लिए आगंतुकों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि इन्हें अभी तक जंगल में नहीं छोड़ा गया है।

विलुप्त होने के करीब आठ दशक बाद सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ बड़े चीतों को यहां उद्यान में लाया गया और भारत में उनकी आबादी को बढ़ाने के लिए बाड़ों में रखा गया।

इसके बाद फरवरी 2023 में भारत सरकार की एक परियोजना के तहत दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए।

उद्यान के निदेशक उत्तम शर्मा ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 487 वर्ग किलोमीटर ‘बफर जोन’ सहित 1,235 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस उद्यान को फिर से खोल दिया गया है और आगंतुकों को सुबह साढ़े छह बजे से पूर्वाह्न 10 बजे तक और अपराह्न तीन बजे से शाम छह बजे तक जाने की ही अनुमति है।

उन्होंने बताया कि पार्क में 24 चीते हैं, जिनमें नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 वयस्क चीते शामिल हैं।

पर्यटक कब चीतों को देख पायेंगे यह पूछने पर शर्मा ने बताया कि इस मुद्दे पर बातचीत जारी है।

वन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया, “इस पर निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाएगा। केंद्र सरकार अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण परियोजना का नेतृत्व कर रही है।”

कुनो को छोड़कर मध्यप्रदेश के सभी राष्ट्रीय उद्यान एक अक्टूबर को फिर से खुल गए। बारिश के मौसम और जंगली जानवरों की प्रजनन अवधि के कारण यह सभी उद्यान एक जुलाई से बंद थे।

शर्मा ने कुनो को फिर से खोलने में देरी के बारे में बताया कि यह श्योपुर जिले में अत्यधिक बारिश के कारण हुआ।

भारी मूसलाधार बारिश के कारण पार्क के अंदर की सड़कें खराब हो गई हैं। मानसून (एक जून से 30 सितंबर तक) के दौरान मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में सबसे अधिक 1,323.2 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई जबकि यहां औसत बारिश 666.4 मिमी होती है।

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)