भोपाल, दो नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा 10 हाथियों की मौत के बाद बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य (बीटीआर) में भेजी गई उच्चस्तरीय टीम को किसी भी तरह के षड्यंत्र का पता नहीं चला है। टीम के एक सदस्य ने शनिवार को यह जानकारी दी।
मध्यप्रदेश के वन राज्य मंत्री प्रदीप अहिरवार, अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक बरनवाल और वन बल के प्रमुख असीम श्रीवास्तव की टीम ने संरक्षित वन के अंदर घटनास्थल का दौरा किया।
वन्यजीव विशेषज्ञ अजय दुबे के अनुसार, देश में 72 घंटे की अवधि में दस हाथियों की मौत पहले कभी नहीं हुई है।
एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अहिरवार और दो शीर्ष नौकरशाहों को बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य भेजा और उनसे हाथियों की मौतों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। हाथियों की मौत राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में हैं।
मुख्यमंत्री यादव द्वारा शुक्रवार रात बुलाई गई आपात बैठक में शामिल एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वन विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट से मुख्यमंत्री असंतुष्ट हैं कि कोदो बाजरा खाने के बाद हाथियों की मौत हुई है।
बैठक में मुख्यमंत्री के हवाले से अधिकारी ने कहा कि यादव ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सुना कि कोदो बाजरा खाने के बाद हाथियों की मौत हुई है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तीन दिन बाद भी मौतों के कारणों का वैज्ञानिक रूप से पता लगाने में विफल रहने से नाखुश हैं।
असीम श्रीवास्तव ने राज्य के उमरिया जिले में बाघ अभयारण्य से फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ अभी तक कोई साजिश की बात सामने नहीं आई है।’’
यात्रा के दौरान उनके निष्कर्षों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ हमें एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। हम इस पर चर्चा कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट अंतिम रूप लेने के बाद सामने आएगी।
इस बीच, शनिवार को बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य के पास तीन हाथियों ने दो लोगों की जान ले ली और एक को घायल कर दिया। ऐसा माना जा रहा है कि ये हाथी उसी झुंड का हिस्सा हैं, जिसके 10 हाथी इस सप्ताह की शुरुआत में मृत पाये गये थे।
मंत्री अहिरवार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हम यहां हैं। मैं रविवार शाम तक यहां हूं। सभी पहलुओं की जांच जारी है। तीन-चार दिन में रिपोर्ट आ जाएगी और सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।’’
इस सप्ताह की शुरुआत में तीन दिनों के अंतराल में बीटीआर में दस हाथियों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को रिजर्व (बीटीआर) के खितोली रेंज के अंतर्गत सांखनी और बकेली में चार जंगली हाथी मृत पाए गए जबकि बुधवार को चार और बृहस्पतिवार को दो की मौत हो गई।
अधिकारियों के अनुसार, शवों के पोस्टमार्टम में उनके पेट में भारी मात्रा में कोदो बाजरा के साथ-साथ विषाक्तता की बात सामने आई है।
भाषा
दिमो, रवि कांत रवि कांत
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