इंदौरः इंदौर के सरकारी स्कूल में छात्राओं को निर्वस्त्र कर चेकिंग करने के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को हाजिर होने के निर्देश दिए हैं। तय समय में जांच पूरी नहीं होने से नाराज हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। पुलिस कमिश्नर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है और शपथ पत्र के साथ 7 दिनों में जवाब मांगा है।
दरअसल, बुधवार को हाईकोर्ट में इंदौर के सरकारी स्कूल में छात्राओं को निर्वस्त्र कर चेकिंग करने के मामले में की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की बेंच के सुनवाई करते हुए एक नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा है कि कोर्ट के ऑर्डर के पालन में क्या कार्रवाई की गई है। क्यों न 30 अगस्त 2024 के आदेश का अनुपालन न करने पर अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।हाईकोर्ट ने इंदौर पुलिस कमिश्नर को अगली सुनवाई में पेश होने के निर्देश दिए हैं।
2 अगस्त 2024 के दिन इंदौर के सरकारी स्कूल में टेस्ट के दौरान कुछ छात्राओं की चेकिंग की गई। छात्राओं ने आरोप लगाया कि बाथरूम के अंदर ले जाकर उनके कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई। छात्राओं ने घर जाकर घटना बताई तो अभिभावक स्कूल पहुंचे और हंगामा कर दिया। अभिभावकों ने मल्हारगंज थाने में शिकायत भी की। इधर आरोपी टीचर जया पंवार ने कहा कि निर्वस्त्र कर चेकिंग नहीं की गई। एक छात्रा के पास मोबाइल मिला था, खुद को बचाने के लिए वे मुझ पर गलत आरोप लगा रहीं हैं। आरोपी टीचर जया पवार जमानत के लिए हाईकोर्ट गई थीं लेकिन कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी।