मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने पुलिस को अंतरधार्मिक जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया |

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने पुलिस को अंतरधार्मिक जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने पुलिस को अंतरधार्मिक जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया

:   Modified Date:  October 23, 2024 / 01:00 AM IST, Published Date : October 23, 2024/1:00 am IST

जबलपुर, 22 अक्टूबर (भाषा) मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने जबलपुर के पुलिस अधीक्षक को शादी करना चाह रहे अंतरधार्मिक जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है।

इससे पहले सोमवार को तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से हस्तक्षेप करने और जबलपुर में एक मुस्लिम व्यक्ति और एक हिंदू महिला की शादी को रोकने के लिए कहा था।

सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो संदेश में राजा को यह कहते हुए सुना गया कि यादव और मध्यप्रदेश पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ‘लव जिहाद’ विवाह न हो।

युगल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विशाल धगत ने कहा कि ‘याचिकाकर्ताओं को अदालत कक्ष में बुलाया गया और याचिकाकर्ता संख्या एक और दो के बयान चैंबर में दर्ज किए गए क्योंकि याचिकाकर्ताओं के रिश्तेदार अदालत की कार्यवाही में व्यवधान डाल सकते हैं।’

अदालत ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे पिछले एक साल से लिव-इन रिलेशनशिप में हैं और शादी करना चाहते हैं।

अदालत के आदेश में कहा गया है, ‘उनका कहना है कि उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जाए, अन्यथा याचिकाकर्ता संख्या एक (महिला) को उनके परिवार के सदस्य अगवा कर सकते हैं। उनके जीवन और अंगों को खतरा है।’

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘चूंकि याचिकाकर्ता संख्या एक और दो के चोटिल होने की प्रबल संभावना है, इसलिए जबलपुर के पुलिस अधीक्षक को याचिकाकर्ता संख्या एक को पुलिस सुरक्षा देने का निर्देश दिया जाता है।’

न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस की एक टीम महिला को उस स्थान पर ले जाएगी जहां वह रह रही है और उसे अपना सारा सामान इकट्ठा करने की अनुमति देगी।

उन्होंने कहा, ‘उक्त सामान इकट्ठा करने के बाद, उसे एक संस्थान में ले जाया जाएगा जहां उसे आश्रय, भोजन और सोने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान किया जाएगा।’

अदालत ने कहा कि महिला 11 नवंबर तक वहां रहेगी और उससे परिवार के सदस्य या मुस्लिम व्यक्ति संपर्क नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि वह इस अवधि के दौरान ‘याचिकाकर्ता नंबर दो से शादी करने के अपने फैसले के बारे में सोचने के लिए स्वतंत्र है।’

अदालत के आदेश में कहा गया है कि 12 नवंबर को विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए विवाह रजिस्ट्रार के समक्ष उसका बयान दर्ज किया जाएगा।

अदालत ने कहा कि उसके मुस्लिम प्रेमी को भी सुरक्षा दी जाएगी और उसकी सुरक्षा के लिए पुलिस उसे अज्ञात स्थान पर ले जाएगी।

अदालत ने कहा, ‘जब परिस्थितियां अनुकूल होंगी, तो उसे उसके घर ले जाया जाएगा और परिवार के सदस्यों के साथ छोड़ दिया जाएगा।’

आदेश में कहा गया है, ‘यदि कोई व्यक्ति जबरन याचिकाकर्ता संख्या एक और दो से संपर्क करता है और गलत तरीके से रोकने या आपराधिक बल का प्रयोग करने का अपराध करता है, तो पुलिस अधीक्षक को ऐसे व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करने और कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है।’

सोमवार को हिंदू सेवा परिषद के प्रमुख अतुल जेसवानी ने कहा था कि भाजपा विधायक टी राजा ने उन्हें एक वीडियो संदेश भेजा था, जिसके बाद उन्होंने जबलपुर कलेक्टर पुष्पेंद्र अहके से मुलाकात की और उनसे विशेष विवाह अधिनियम के तहत जोड़े के आवेदन को रद्द करने का अनुरोध किया।

भाषा सं दिमो नोमान

नोमान

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)