Madhya Pradesh has implemented "e-summons" system first in country

E-Summons In MP: मध्यप्रदेश ने देश में सबसे पहले लागू की है “ई-समन” व्यवस्था, सीएम डॉ मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक में सदस्यों को किया संबोधित

E-Summons In MP: मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रि-परिषद के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।

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Modified Date: January 24, 2025 / 06:55 PM IST
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Published Date: January 24, 2025 5:55 pm IST

भोपाल : E-Summons In MP: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लोकमाता देवी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती के उपलक्ष में मंत्रि-परिषद की बैठक का आयोजन माँ नर्मदा के किनारे होल्कर शासकों की राजधानी रहे महेश्वर में किया गया। देवी अहिल्या माता हों या रानी दुर्गावती, दोनों ने ही विदेशी आक्रांताओं के विरुद्ध संघर्ष के साथ सुशासन स्थापित करते हुए नारी सशक्तिकरण के अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन के अनुसार गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी सशक्तिकरण के चार स्तंभों पर आधारित व्यवस्था के अंतर्गत मंत्रि-परिषद की बैठक में महिला नीति संबंधित विषय पर महत्वपूर्ण निर्णय प्रस्तावित हैं। शराब, सामाजिक बुराई है, इससे पारिवारिक स्तर पर समस्याएं होने के साथ ही समाज में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होते हैं, पारिवारिक और सामाजिक हित में 19 धार्मिक नगरों और ग्राम पंचायतों में शराबबंदी के संबंध में निर्णय लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रि-परिषद के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।

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E-Summons In MP:  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रख्यात विधि विशेषज्ञ थे। उनकी जन्म स्थली महू में स्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के रूप में भी विकसित किया जाएगा। विश्वविद्यालय में विधि संकाय स्थापित करने के उद्देश्य से आधारभूत संरचनाओं के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जानकारी दी कि भोपाल में दिनांक 23 जनवरी को लोकार्पित सेतु का नामकरण डॉ. अंबेडकर पर किया गया है।

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E-Summons In MP:  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानून के क्रियान्वयन के अंतर्गत मध्यप्रदेश ने देश में सबसे पहले “ई-समन” व्यवस्था लागू की। केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के द्वारा नए आपराधिक कानून के क्रियान्वयन के संबंध में नई दिल्ली में ली गई बैठक में नए कानूनों के क्रियान्वयन की दृष्टि से मध्यप्रदेश की अग्रणी व आदर्श राज्य के रूप में सराहना हुई। इस व्यवस्था से पुलिस बल के समय और संसाधनों की बचत होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बंदी जेल में विद्यमान क्यूबिक से ही न्यायालयीन प्रक्रिया में शामिल होंगे। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि उन्हें न्यायालय न जाना पड़े। इसी प्रकार चिकित्सकों द्वारा अस्पताल से ही बयान दर्ज कराने की व्यवस्था भी की जा रही है। इन नवाचारों से पुलिस बल को कई प्रक्रियागत कार्यों में सुविधा मिलेगी और पुलिस के लगभग 30% कार्य व समय की बचत होगी। राज्य सरकार समय-सीमा में प्राथमिकता से इसे लागू करने के लिये प्रतिमाह बैठक कर प्रगति की समीक्षा करेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में 24-25 फरवरी को भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए उद्योग समूहों और निवेशकों के साथ पुणे में गत दिवस हुए इंटरैक्टिव सेशन के संबंध में भी जानकारी दी।

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E-Summons क्या है?

E-Summons एक नई प्रणाली है जिसे मध्यप्रदेश में लागू किया गया है। इसके तहत अपराधियों और आरोपियों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से समन भेजे जाएंगे, जिससे न्यायालय की प्रक्रिया में तेजी आएगी और पुलिस बल की संसाधन व समय की बचत होगी।

E-Summons का क्या फायदा होगा?

इस प्रणाली से पुलिस अधिकारियों को प्रक्रियागत कार्यों में आसानी होगी, जैसे कि बंदियों का न्यायालयीन प्रक्रिया में सम्मिलित होना बिना जेल से बाहर जाए। इससे पुलिस के कार्यों में लगभग 30% समय की बचत होगी।

E-Summons  के तहत समन कैसे भेजे जाएंगे?

E-Summons प्रणाली के तहत समन डिजिटल माध्यम से भेजे जाएंगे। यह सिस्टम कागजी कार्यवाही को समाप्त करेगा और न्यायिक कार्यों को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा।

क्या E-Summons के तहत आरोपी को न्यायालय में उपस्थित होना जरूरी है?

नहीं, E-Summons के तहत कुछ मामलों में आरोपियों को जेल से ही न्यायालयीन कार्यवाही में सम्मिलित किया जाएगा, जिससे उन्हें कोर्ट जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

E-Summons की शुरुआत कब हुई?

E-Summons  की शुरुआत मध्यप्रदेश ने देश में सबसे पहले की है, और इसे पुलिस बल के कार्यों में सुधार और अपराधियों की शीघ्र न्यायिक प्रक्रिया के लिए लागू किया गया है।
 
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