मध्यप्रदेश: सरकार यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट निपटान के लिए अदालत से और समय मांगेगी |

मध्यप्रदेश: सरकार यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट निपटान के लिए अदालत से और समय मांगेगी

मध्यप्रदेश: सरकार यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट निपटान के लिए अदालत से और समय मांगेगी

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Modified Date: January 4, 2025 / 08:26 PM IST
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Published Date: January 4, 2025 8:26 pm IST

भोपाल, चार जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार ने पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट के निपटान के बढ़ते विरोध के बीच शनिवार को कहा कि सरकार इस अपशिष्ट का निपटान करने के लिए उच्च न्यायालय से और समय दिये जाने का अनुरोध करेगी।

धार जिले में यूनियन कार्बाइड के अपशिष्ट के निपटान के लिए पहुंची ‘भस्मीकरण’ इकाई पर स्थानीय लोगों ने पथराव किया। जिले के पीथमपुर इलाके में यूनियन कार्बाइड का 337 टन अपशिष्ट का निपटान करने का प्रस्ताव है।

यह घटना पीथमपुर बचाओ समिति द्वारा निपटान योजना के खिलाफ बुलाए गए बंद के विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद हुई है।

इलाके में 12 जनवरी तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।

मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने शनिवार को पत्रकारों के एक समूह से कहा, “हम मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से अनुरोध करेंगे कि वह हमें अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से निपटान करने के लिए और समय दे। लोगों को विश्वास में लेने के बाद ऐसा किया जाएगा।”

उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा शुक्रवार रात को कचरा निपटान पर कही गई बात को दोहरा रहा हूं।”

यादव ने पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन के बीच शुक्रवार को कहा, “राज्य सरकार लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है। हम लोगों को कोई नुकसान नहीं होने देंगे। हम मामले को अदालत के समक्ष लाएंगे और अदालत के आदेश के अनुपालन में ही कोई कार्रवाई करेंगे।”

भोपाल में दो और तीन दिसंबर 1984 की दरमियानी रात यूनियन कार्बाइड कीटनाशक कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस लीक हुई थी, जिससे कम से कम 5,479 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग गंभीर और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हो गए हैं।

अधिकारियों ने कार्बाइड फैक्टरी से 337 टन अपशिष्ट को वैज्ञानिक तरीके से निपटान के लिए पीथमपुर पहुंचाया है।

यादव ने कहा, “अभी कचरे का निपटान नहीं किया जा रहा है। निर्णय लेने से पहले अदालत को जनता की भावना से अवगत कराया जाएगा।”

पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान दो लोगों द्वारा आत्मदाह का प्रयास करने के बाद यादव ने भोपाल में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

मुख्यमंत्री ने कहा, “माननीय न्यायालय जो भी आदेश देगा, हम उसका पालन करने के लिए तैयार हैं। जब तक न्यायालय कोई निर्देश नहीं देता, हम आगे नहीं बढ़ेंगे।”

राज्य के गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग के निदेशक स्वतंत्र कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार को धार पहुंचने से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “अगर सब कुछ ठीक रहा तो तो तीन महीने के भीतर कचरे को जलाकर राख कर दिया जाएगा।”

उन्होंने कहा, “अन्यथा, जलने की गति धीमी हो जाएगी और इसमें नौ महीने तक का समय लग सकता है।”

भाषा दिमो जितेंद्र

जितेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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