मप्र : ऐतिहासिक विरासत से जुड़े मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन पर बवाल, प्रबंधक बर्खास्त |

मप्र : ऐतिहासिक विरासत से जुड़े मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन पर बवाल, प्रबंधक बर्खास्त

मप्र : ऐतिहासिक विरासत से जुड़े मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन पर बवाल, प्रबंधक बर्खास्त

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Modified Date: January 13, 2025 / 05:27 PM IST
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Published Date: January 13, 2025 5:27 pm IST

इंदौर, 13 जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश के इंदौर में करीब 200 साल पुराने गोपाल मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन पर बवाल मचने के बाद प्रशासन ने सोमवार को इस मामले की जांच का आदेश देने के साथ ही मंदिर के प्रबंधक को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया और राजस्व विभाग के एक अधिकारी से देवालयों से जुड़ी सरकारी इकाई का प्रभार छीन लिया।

अधिकारियों ने बताया कि इंदौर के राजबाड़ा क्षेत्र के उस गोपाल मंदिर में रविवार को एक विवाह समारोह आयोजित किया गया, जिसका केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत करीब 13 करोड़ रुपये की लागत से पुनरुद्धार किया गया है।

चश्मदीदों के मुताबिक, इस समारोह के लिए मंदिर परिसर में विशेष साज-सज्जा की गई और वैदिक पद्धति से शादी की रस्में अदा किए जाने के साथ ही मेहमानों के लिए भोज का इंतजाम किया गया।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि भगवान कृष्ण के ऐतिहासिक मंदिर में इस आयोजन से आम भक्तों को दर्शन में परेशानी हुई और मंदिर परिसर के आस-पास यातायात बाधित हुआ।

मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही हैं। लोग कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल कर रहे हैं कि शहर की ऐतिहासिक विरासत से जुड़े इस मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन को मंजूरी आखिर कैसे दे दी गई?

सोशल मीडिया पर एक कथित रसीद भी सामने आई है, जिसमें इस मंदिर का प्रबंधन करने वाले ‘‘संस्थान श्री गोपाल मंदिर’’ को विवाह समारोह के संबंध में राजकुमार अग्रवाल नाम के व्यक्ति की ओर से 25,551 रुपये का भुगतान किए जाने का जिक्र है। सरकारी सील वाली इस रसीद पर 29 जुलाई 2024 की तारीख दर्ज है।

अधिकारियों ने बताया कि गोपाल मंदिर में रविवार को हुए विवाह समारोह की जानकारी मिलने पर एक अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) को इस मामले की जांच का आदेश दिया गया है।

उन्होंने बताया कि इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) दीपक सिंह ने गोपाल मंदिर के प्रबंधक की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं और राजस्व महकमे के एक अनुविभागीय अधिकारी से ऐसे देवालयों से जुड़ी सरकारी इकाई का प्रभार छीन लिया है।

अधिकारियों के अनुसार, सिंह ने जिला प्रशासन को गोपाल मंदिर के प्रबंधन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश तय करने के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाने के निर्देश भी दिए हैं।

इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिव्यांक सिंह ने बताया कि 19वीं शताब्दी के होलकरकालीन गोपाल मंदिर का स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत पुनरुद्धार किया गया है और इस पर करीब 13 करोड़ रुपये की लागत आई है।

इतिहासकार जफर अंसारी ने बताया कि गोपाल मंदिर का निर्माण तत्कालीन होलकर राजवंश की राजमाता कृष्णा बाई होलकर ने वर्ष 1832 में 80,000 रुपये की लागत से कराया था।

उन्होंने कहा, ‘‘गोपाल मंदिर होलकरों के शासन के दौरान खासकर परमार्थ गतिविधियों का बड़ा केंद्र रहा था। इस मंदिर में विवाह समारोह का आयोजन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे आयोजनों से इस ऐतिहासिक विरासत को नुकसान पहुंच सकता है।’’

भाषा

हर्ष पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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