(तस्वीर के साथ)
भोपाल, 16 दिसंबर (भाषा) मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायकों ने सोमवार को विधानसभा परिसर में शीतकालीन सत्र के पहले दिन किसानों के लिए उर्वरक की कमी का आरोप लगाते हुए खाली बोरियों के साथ विरोध प्रदर्शन किया।
यह प्रदर्शन तब हुआ जब पुलिस ने कांग्रेस विधायकों द्वारा शिवाजी नगर से विधानसभा परिसर तक ट्रैक्टर-ट्रॉली मार्च निकालने के प्रयास को विफल कर दिया।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर-ट्रॉली किसानों से जुड़ी हैं, लेकिन अधिकारियों ने कांग्रेस विधायकों को रोक दिया।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराने में भाजपा सरकार की विफलता के विरोध में ट्रैक्टर-ट्रॉली से विधानसभा जाने का फैसला किया था।’’
विपक्ष के उपनेता हेमंत कटारे ने सरकार और पुलिस को किसान विरोधी करार दिया।
कटारे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘जब किसानों ने खाद लेने की कोशिश की, तो उन पर लाठीचार्ज किया गया। उन्हें कृषि उपज पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) नहीं मिलने के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। यह सरकार पूंजीपतियों के साथ है।’’
उन्होंने दावा किया कि किसानों को खाद लेने के लिए सर्द रात में कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है।
बाद में कांग्रेस विधायकों ने उर्वरक की खाली बोरियां लेकर विधानसभा परिसर की ओर मार्च किया। विधायकों ने विधान भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
सुरक्षाकर्मियों ने विधायकों को खाली बोरियां के साथ सदन में प्रवेश करने से रोक दिया।
कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने दावा किया कि मध्यप्रदेश में सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 12 साल से स्थिर है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘किसानों को उर्वरक नहीं मिल रहा है, लेकिन इसकी कालाबाजारी की जा रही है।’’
भाषा दिमो
धीरज
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