भोपाल, एक अक्टूबर (भाषा) मध्यप्रदेश के कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात की और उनके निर्वाचन क्षेत्रों में विकास निधि के आवंटन में ‘भेदभाव’ की शिकायत की।
विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा सरकार के पूर्व आश्वासन के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के भुगतान की भी मांग की और अल्पसंख्यक समुदायों के साथ कथित भेदभाव का मुद्दा उठाया।
बैठक के बाद सिंघार ने कहा, ‘‘जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी (सरकार) विकास के मामले में भेदभाव कर रही है…हमने (मुख्यमंत्री) से कहा कि विधायक किसी पार्टी के नहीं बल्कि जनता के प्रतिनिधि हैं। आप मुख्यमंत्री हैं, आपको ‘राजधर्म’ (शासक का कर्तव्य) का पालन करना चाहिए और सभी के साथ न्याय होना चाहिए।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री यादव ने आश्वासन दिया कि वे सात दिनों के भीतर विभाग की समीक्षा करेंगे और कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने मुख्यमंत्री यादव को एक पत्र भी सौंपा, जिसमें कांग्रेस विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में विकास के लिए निधि के आवंटन में भेदभाव का आरोप लगाया गया है।
सिंघार ने दावा किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्रों के लिए पहले स्वीकृत पांच करोड़ रुपये नहीं दिए जा रहे हैं, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को उनके क्षेत्रों के लिए 15 करोड़ रुपये तक दिए जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से धन आवंटन में एकरूपता लाने की अपील की।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस विधायकों की शिकायतें सुनीं और विपक्ष से सकारात्मक सहयोग की उम्मीद की।
उन्होंने कहा, ‘‘विधायक, चाहे वे कांग्रेस के हों या भाजपा के, उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए विजन दस्तावेज तैयार करने चाहिए.. कि वे पांच साल में अपने निर्वाचन क्षेत्रों को विकास के मामले में कहां ले जाना चाहते हैं और हम इस प्रयास में सभी विधायकों की समान रूप से मदद करेंगे।’’
सिंघार ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने महिलाओं, दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री से यह भी कहा कि सांप्रदायिकता और विपक्षी विधायकों के समर्थकों के नाम पर अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों के खिलाफ फर्जी मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने जल जीवन मिशन की जांच की भी मांग की, जिसके तहत हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराया जाना है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गेहूं के लिए 2,700 रुपये प्रति क्विंटल और धान के लिए 3,100 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी की मांग की, जैसा कि भाजपा ने चुनावों में वादा किया था। विपक्ष के नेता ने कहा कि कानून और व्यवस्था की स्थिति पर भी चर्चा की गई।
भाषा दिमो धीरज
धीरज
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