हाथियों की अंतरराज्यीय विचरण पर छत्तीसगढ़ सरकार से चर्चा करेंगे : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री |

हाथियों की अंतरराज्यीय विचरण पर छत्तीसगढ़ सरकार से चर्चा करेंगे : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री

हाथियों की अंतरराज्यीय विचरण पर छत्तीसगढ़ सरकार से चर्चा करेंगे : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री

:   Modified Date:  November 4, 2024 / 03:08 PM IST, Published Date : November 4, 2024/3:08 pm IST

भोपाल, चार नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि वह छत्तीसगढ़ के अपने समकक्ष से हाथियों के झुंड के पड़ोसी राज्य से उनके प्रदेश में प्रवेश करने से उत्पन्न चुनौतियों को लेकर चर्चा करेंगे।

यादव का आज छत्तीसगढ़ जाने का कार्यक्रम है। उन्होंने विभिन्न मुद्दों को लेकर दोनों राज्यों के वन विभागों के बीच समन्वय की भी वकालत की।

पिछले सप्ताह मध्यप्रदेश में उमरिया जिले के बांधवगढ़ बाघ संरक्षित क्षेत्र (बीटीआर) में 10 हाथियों की मौत हो गयी थी।

यादव ने इन हाथियों की मौत की उच्च स्तरीय जांच के बाद रविवार को बीटीआर के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया था।

पिछले सप्ताह उमरिया जिले में एक हाथी ने कुचलकर तीन लोगों को मार डाला था।

यादव ने कहा, ‘‘ हाथियों से जुड़ी घटनाएं आमतौर पर छत्तीसगढ़ से हाथियों के झुंड के आने के कारण होती हैं। मैं इस मुद्दे को (छत्तीसगढ़ के) मुख्यमंत्री के समक्ष उठाऊंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ दोनों राज्यों के वन विभागों को आपस में समन्वय कायम करना चाहिए ताकि हम एक-दूसरे के संपर्क में रह सकें और हाथियों के बड़े झुंडों के प्रवेश से उत्पन्न होने वाली स्थिति से बच सकें। हम भविष्य में आने वाली कठिन चुनौतियों के बारे में मिलकर चर्चा करेंगे।’’

यादव का सोमवार शाम में (छत्तीसगढ़ की राजधानी) रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में हिस्सा लेने का कार्यक्रम है।

उन्होंने राज्योत्सव पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य के लोगों को बधाई दी है।

मुख्यमंत्री यादव ने रविवार को हाथियों की मौत और इंसानों पर (उनके) हमलों की पुनरावृत्ति से बचने के लिए एक हाथी कार्यबल के गठन, ‘रेडियो ट्रैकिंग’ और वन्यजीव विशेषज्ञों की मदद से एक दीर्घकालिक योजना बनाने की आवश्यकता पर बल दिया था।

यादव ने कहा था,‘‘छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों से आने वाले हाथी हमारे उद्यानों के अच्छे वातावरण और प्रबंधन के कारण वापस नहीं लौट रहे हैं। वे मध्यप्रदेश की वन गतिविधियों का अभिन्न अंग बन गए हैं। इसे ध्यान में रखते हुए हमें उनके लिए एक स्थायी योजना बनानी होगी।’’

भाषा

राजकुमार धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)