भोपाल, दो नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) के पास शनिवार को तीन हाथियों ने दो लोगों को कुचलकर मार डाला। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि हाथियों के हमले में एक व्यक्ति भी घायल हो गया।
ऐसा माना जा रहा है कि ये हाथी उसी झुंड का हिस्सा हैं, जिसके 10 हाथी इस सप्ताह की शुरुआत में मृत पाये गये थे।
अधिकारियों ने बताया कि बीटीआर से करीब 10 किलोमीटर दूर देवरा गांव में रामरतन यादव (50) शौच के लिए गए थे तभी हाथियों ने उनपर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद, तीनों हाथियों ने बीटीआर के बफर जोन के ब्राहे गांव में भैरव कोल (35) पर हमला कर उसे कुचलकर मौत के घाट उतार दिया और बांका गांव में मालू साहू (32) को घायल कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि हमला करने वाले हाथी उस 13 हाथियों के झुंड का हिस्सा हैं, जिसके 10 हाथी मारे जा चुके हैं।
अधिकारियों के अनुसार, हाथियों की मौत संभवतः किसी जहरीले पदार्थ के सेवन से हुई।
यह पूछे जाने पर कि क्या तीनों हाथी झुंड का हिस्सा हैं, जिसपर उमरिया प्रभागीय वन अधिकारी विवेक सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हाथियों पर नजर रखी जा रही है और उनकी पहचान के बारे में कोई भी अंतिम निर्णय निगरानी प्रक्रिया से डेटा एकत्र करने के बाद ही होगा।
अधिकारियों के अनुसार, 10 हाथियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके पेट में भारी मात्रा में कोदो बाजरा होने के साथ-साथ विषाक्तता की बात सामने आई है।
वन विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि खेतों से एकत्र किए गए नमूनों के साथ-साथ विसरा, लीवर, किडनी आदि जैसे जैविक नमूनों को उत्तर प्रदेश के बरेली के इज्जतनगर में आईसीएआर-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान और साथ ही सागर में मप्र फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है ताकि मौतों के बारे में अधिक जानकारी मिल सके।
इसके अलावा, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और मप्र की ‘राज्य बाघ स्ट्राइक फोर्स’ भी मौतों की जांच कर रही हैं।
बीटीआर के अधिकारी ने बताया, “आज सुबह जब वह रिजर्व के बाहर शौच के लिए गए थे तो जंगली हाथियों ने उन्हें कुचल दिया।”
उमरिया के मंडल वन अधिकारी (डीएफओ) विवेक सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया कि यह घटना देवरा गांव में हुई।
इस सप्ताह की शुरुआत में तीन दिनों के अंतराल में बीटीआर में दस हाथियों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को रिजर्व (बीटीआर) के खितोली रेंज के अंतर्गत सांखनी और बकेली में चार जंगली हाथी मृत पाए गए जबकि बुधवार को चार और बृहस्पतिवार को दो की मौत हो गई।
अधिकारियों ने पहले बताया था कि 13 सदस्यीय झुंड में से अब केवल तीन हाथी ही जीवित हैं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या व्यक्ति को शेष तीन हाथियों ने मारा है, तो अधिकारी ने कहा कि उनकी पहचान का पता लगाना मुश्किल है।
बीटीआर के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि झुंड के शेष तीन हाथी कटनी जिले के वन क्षेत्र की ओर बढ़ते देखे गए।
वन अधिकारी ने कहा, ‘यह गतिविधि असामान्य है क्योंकि बीटीआर में पहले कभी ऐसा नहीं देखा गया है।’
बीटीआर पूर्वी मध्यप्रदेश के उमरिया और कटनी जिलों में फैला हुआ है।
भाषा जितेंद्र
जितेंद्र
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