भोपाल, दो दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की तकनीकी समिति ने मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में स्थित माधव राष्ट्रीय उद्यान को बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने रविवार को बताया कि यह मध्यप्रदेश का आठवां बाघ अभयारण्य होगा।
कान्हा, सतपुड़ा, बांधवगढ़, पेंच, संजय दुबरी, पन्ना और वीरांगना दुर्गावती राज्य में मौजूदा बाघ अभयारण्य हैं।
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव एल कृष्णमूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘एनटीसीए की तकनीकी समिति ने माधव राष्ट्रीय उद्यान को बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसका कुल क्षेत्रफल 1,751 वर्ग किलोमीटर होगा, जिसमें 375 वर्ग किलोमीटर का कोर क्षेत्र और 1,276 वर्ग किलोमीटर का बफर क्षेत्र शामिल है। समिति ने पार्क में एक बाघ और एक बाघिन को छोड़ने को भी मंजूरी दी है।’’
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद यह प्रस्ताव तैयार किया गया है।
कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘मध्यप्रदेश सरकार की यह संरक्षण पहल माधव राष्ट्रीय उद्यान और कुनो राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीव प्रबंधन को मजबूत करेगी। इससे स्थानीय समुदायों को ‘इकोटूरिज्म’ का लाभ मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा।’’
कुनो राष्ट्रीय उद्यान देश में चीतों का एकमात्र निवास स्थान है। यह श्योपुर जिले में स्थित है और माधव राष्ट्रीय उद्यान के करीब है।
एनटीसीए और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी ‘बाघों की स्थिति: भारत में शिकारी और शिकार-2022’ रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश में बाघों की आबादी 785 होने का अनुमान है, जो देश में सबसे अधिक है। इसके बाद कर्नाटक में 563 और उत्तराखंड में 560 बाघ हैं।
भाषा दिमो
सुरभि
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