Controversy over father's cremation

संपत्ति नहीं पिता के शव के बंटवारे पर अड़े कलयुगी पुत्र.. लाश को बीच से काटकर करना चाहते हैं दाह संस्कार, घंटों चला विवाद

संपत्ति नहीं पिता के शव के बंटवारे पर अड़े कलयुगी पुत्र.. लाश को बीच से काटकर करना चाहते हैं दाह संस्कार, घंटों चला विवाद!Controversy over father's cremation

Edited By :  
Modified Date: February 2, 2025 / 03:07 PM IST
,
Published Date: February 2, 2025 3:07 pm IST

शैलेंद्र द्विवेदी/टीकमगढ़। Controversy over father’s cremation : आपने संपत्ति के लिए दो भाईयों को लड़ते तो देखा होगा लेकिन पिता की मौत के बाद उनके शव को जलाने के लिए लड़ते नहीं देखा होगा। मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ से एक अनोखा और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिले के जतारा थाना क्षेत्र के ग्राम ताल लिधौरा में पिता की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के लेकर पुत्रों के बीच विवाद हो गया। विवाद इस कदर बढ़ा कि बड़ा बेटा पिता को काट कर जलाने की जिद करने लगा। परिजनों और रिश्तेदारों के मनाने पर भी जब बात नहीं बनी तो पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर अंतिम संस्कार के लिए राजी किया।

read more : Jayshree Gayatri Food MD Payal Modi Case : ‘नहीं हो रही सुनवाई हमारी सुनवाई..’ EOW ने मुझे बहुत ज्यादा किया टॉर्चर, पायल मोदी का बड़ा आरोप 

ये है पूरा मामला

ताल लिधौरा निवासी ध्यानी सिंह घोष 85 वर्ष का निधन होने के बाद उसका छोटा पुत्र दामोदर उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां करने लगा। वहीं सूचना पर ग्रामीणों के साथ ही रिश्तेदार भी उसके घर पहुंच गए। वह अंतिम संस्कार की तैयारी कर रही रहा था कि तभी उसका भाई किशन सिंह घोष अपने पुत्र एवं परिजनों के साथ दामोदर के घर पहुंच गए और पिता का अंतिम संस्कार करने की जिद करने लगा। इस पर दामोदर ने उसे अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।

दामोदर का कहना था कि उसने ही पिता की सेवा की है और वही अब अंतिम संस्कार करेगा। परिजनों का कहना था कि अंतिम समय में ध्यानी की तबियत बिगड़ने पर बड़े बेटे किशन और उसके परिवार ने सुध नहीं ली। उन्हें अपने साथ रखा भी नहीं रखा ऐसे में सेवा करने वाले पुत्र दामोदर को ही अंतिम संस्कार करने की हक दिया जाए। इसी बात को लेकर दोनों पुत्रों के बीच विवाद होता रहा और पिता के शव को भी घर के बाहर रख दिया गया। इसे लेकर रिश्तेदार और परिजन हर प्रकार से दामोदर और किशन को समझाते रहे, लेकिन वह नहीं माने।

आलम यह था कि किशन ने अपने पिता के शरीर के दो टुकड़े कर अलग-अलग संस्कार करने की बात कही। इस पर सभी विचलित हो उठे। वहीं मामला शांत होने न देख परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाइश दी और ग्रामीणों एवं परिजनों के कहे अनुसार छोटे पुत्र दामोदर को अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी।

 

पुलिस की समझाइश के बाद ही मामला शांत हुआ और परिजनों ने दामोदर के साथ जाकर अंतिम संस्कार किया। कहते है अधिकारी पिता के अंतिम संस्कार को लेकर दोनों पुत्रों के बीच विवाद हो गया था। सूचना पर मौके पर पहुंच कर रिश्तेदारों एवं परिजनों से पूरी जानकारी लेने के बाद छोटे पुत्र दामोदर से अंतिम संस्कार कराया गया है। बड़े पुत्र को सलाह दी गई है कि वह भी पिता के अंतिम संस्कार में जो मन करता है, उस हिसाब से सहयोग करे।

 

टीकमगढ़ में पिता के अंतिम संस्कार को लेकर दो बेटों के बीच विवाद क्यों हुआ?

पिता की मौत के बाद, छोटे बेटे दामोदर ने अंतिम संस्कार की तैयारी की, जबकि बड़े बेटे किशन ने इस पर विरोध किया और उसे करने की जिद करने लगा। यह विवाद तब बढ़ा जब किशन ने पिता के शव को दो हिस्सों में बांटकर अलग-अलग संस्कार करने की बात कही।

दामोदर और किशन के बीच विवाद का समाधान कैसे हुआ?

रिश्तेदारों और परिजनों की समझाइश के बावजूद, जब विवाद शांत नहीं हुआ, तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा कर छोटे पुत्र दामोदर को अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी।

पुलिस ने इस विवाद में क्या कदम उठाए?

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों बेटों और उनके परिजनों से जानकारी ली और पूरी स्थिति समझी। इसके बाद, छोटे पुत्र दामोदर को अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी और बड़े पुत्र किशन को भी सहयोग करने की सलाह दी।

पिता के अंतिम संस्कार के विवाद का क्या कारण था?

पिता के अंतिम संस्कार को लेकर दो बेटों के बीच संपत्ति और सेवा के मुद्दे पर विवाद था। दामोदर का कहना था कि उसने ही पिता की देखभाल की थी और वही संस्कार करेगा, जबकि किशन ने विरोध किया और संस्कार को लेकर अजीब तरह की बातें की थीं।

क्या इस तरह के विवाद सामान्य होते हैं?

इस तरह के विवाद कभी-कभी परिवारों में संपत्ति, जिम्मेदारियों और रिश्तों के कारण होते हैं, लेकिन यह एक दुर्लभ और अनोखा मामला था, क्योंकि इसमें पिता के शव को लेकर भी विवाद हुआ।