ग्वालियर: 2 years of Jyotiraditya Scindia ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में आए दो साल हो गए हैं। इन दो सालों में सिंधिया पार्टी में अपना अहम मुकाम बनाने में कामयाब रहे हैं। राज्यसभा सांसद और फिर बतौर उड्डयन मंत्री कर्ज में डूबी एयर इंडिया को नए रास्ते पर लाने की अहम जिम्मेदारी वो बखूबी निभा रहे हैं। वहीं, विरोधियों को भी अपने व्यवहार से अपना बना रहे हैं।
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Jyotiraditya Scindia ठीक दो साल पहले स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की जन्म जयंती के दिन ही ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए थे। कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बने थे। हमेशा से सिंधिया घराने की राजनीति बीजेपी के खिलाफ ही रही थी। ऐसे में उन्हें बीजेपी में स्वीकार करना आसान नहीं था। दो साल बाद देखें तो सिंधिया बीजेपी संगठन में संतुलन बनाने में काफी हद तक कामयाब रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बदले हुए व्यवहार को हर किसी ने महसूस किया। एक समय सिंधिया से मिलने लोगों को सर्किट हाउस जाना पड़ता था। कांग्रेस की इस प्रथा को तोड़ते हुए वो अब खुद लोगों के पास जाते दिखते हैं। यही वजह है कि उनकी राजघराने वाली छवि बीजेपी की जमीनी कार्यकर्ता वाली में बदल चुकी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भी उनके रिश्ते सहज और मधुर हैं।
कहते हैं राजनीति में कभी कोई स्थायी दोस्त या शत्रु नहीं होता है। यही वजह है कि कभी महल और माधवराव सिंधिया के धुर विरोधी रहे बीजेपी नेता जय भान सिंह पवैया भी खुद को बदल रहे हैं। पवैया माधवराव सिंधिया की छतरी पर पहुंचे और उन्हें नमन किया, उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य ने उन्हें निजी तौर पर आमंत्रित किया था। अब हम एक ही राजनीतिक दल के साथी हैं। वहीं कांग्रेस अब इस पर चुटकी ले रही है। कांग्रेस को भले ही तंज कसने का मौका मिल गया हो लेकिन सच यही है कि राजनीति में समीकरण हमेशा एक से नहीं रहते।
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