POCSO Act High Court In MP | Image Source | IBC24
जबलपुर: POCSO Act High Court In MP: जबलपुर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से एक महत्वपूर्ण सवाल पूछा है कि पॉक्सो एक्ट (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) का व्यापक प्रचार-प्रसार क्यों नहीं किया जा रहा है? कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को 2 हफ्तों का समय दिया है और साथ ही चेतावनी दी है कि अगर केंद्र सरकार इस समयावधि में जवाब नहीं देती है तो उस पर 10 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
POCSO Act High Court In MP: पॉक्सो एक्ट, जिसे 2012 में लागू किया गया था, का उद्देश्य बच्चों को यौन अपराधों से बचाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। इस एक्ट में यह स्पष्ट किया गया था कि सरकारों की जिम्मेदारी होगी कि वे बच्चों के प्रति यौन अपराधों के बारे में जनजागरूकता फैलाने के लिए सक्रिय अभियान चलाएं। लेकिन इसके बावजूद, इस एक्ट का प्रचार-प्रसार प्रभावी ढंग से नहीं किया गया, जिसके चलते इस पर जनहित याचिका दायर की गई थी।
POCSO Act High Court In MP: हाईकोर्ट ने यह सवाल उठाया है कि जब यह एक्ट बच्चों के सुरक्षा के लिए इतना महत्वपूर्ण है तो क्यों इसके बारे में लोगों में जागरूकता नहीं फैलाई जा रही है? यह सवाल एक जनहित याचिका के आधार पर सामने आया जिसमें यह कहा गया था कि सरकार को इस एक्ट के बारे में हर नागरिक तक जानकारी पहुंचाने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए ताकि लोग इस एक्ट का सही तरीके से पालन कर सकें और बच्चों को यौन अपराधों से बचाया जा सके।
POCSO Act High Court In MP: कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब माँगा है और 13 मई 2025 को अगली सुनवाई तय की है। अगर केंद्र सरकार ने 2 हफ्तों के भीतर जवाब नहीं दिया, तो कोर्ट ने 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से जवाब मांगने के साथ ही, यह अदालत का एक बड़ा कदम है जो बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उनके खिलाफ हो रहे यौन अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा में उठाया गया है।