Reported By: Vijendra Pandey
,जबलपुर। Jabalpur News: अयोध्या में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही पीएम मोदी का 32 साल पुराना संकल्प भी पूरा होने जा रहा है। पीएम मोदी के इस संकल्प का खुलासा राममंदिर केस से जुड़े एक अहम गवाह महेन्द्र त्रिपाठी ने किया है। त्रिपाठी विवादित ढांचा तोड़े जाने के दौरान रामजन्म भूमि के पास फोटो स्टूडियो चलाते थे और प्रेस फोटोग्राफर भी थे। राममंदिर आंदोलन और बाबरी ढांचा गिराए जाने से लेकर कई ऐतिहासिक घटनाक्रमों को त्रिपाठी ने अपने कैमरे में कैद किया था। उनके फोटो अदालतों में चले प्रकरणों में बतौर सबूत शामिल किए गए और उन्हें सीबीआई जांच से जुड़े 2 केसों में गवाह भी बनाया गया।
महेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि नरेन्द्र मोदी रामलला के प्रकट उत्सव पर 14 जनवरी 1992 को अयोध्या आए थे जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री भी नहीं बने थे। त्रिपाठी के मुताबिक तब उन्होंने नरेंद्र मोदी की फोटो खींची थी और उनसे पूछा था कि वो अयोध्या दोबारा कब आएंगे। महेन्द्र त्रिपाठी के मुताबिक तब मोदी ने बड़े विश्वास से कहा था कि वो जन्मभूमि में राममंदिर बनने पर निश्चित अयोध्या आएंगे।
Jabalpur News: इसके बाद में मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री और फिर देश के प्रधानमंत्री बने और उनके ही हाथों से राममंदिर निर्माण की आधारशिला रखी गई। अब जब पीएम मोदी रामलला की मूर्ति जन्मभूमि में विराजित करने फिर अयोध्या आ रहे हैं तो त्रिपाठी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है।
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