MP 27% OBC Reservation: एमपी में अब सुप्रीम कोर्ट लेगा ओबीसी आरक्षण पर फैसला, ट्रांसफर याचिकाएं मंजूर |MP 27% OBC Reservation

MP 27% OBC Reservation: एमपी में अब सुप्रीम कोर्ट लेगा ओबीसी आरक्षण पर फैसला, ट्रांसफर याचिकाएं मंजूर

MP 27% OBC Reservation: एमपी में अब सुप्रीम कोर्ट लेगा ओबीसी आरक्षण पर फैसला, ट्रांसफर याचिकाएं मंजूर MP OBC Reservation

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Modified Date: August 20, 2024 / 06:28 PM IST
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Published Date: August 20, 2024 6:27 pm IST

MP 27% OBC Reservation: जबलपुर/दिल्ली। मध्यप्रदेश में 27% OBC आरक्षण को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। बता दें कि अब सुप्रीम कोर्ट मध्यप्रदेश के OBC आरक्षण पर फैसला लेगा। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर याचिकाएं मंजूर कर ली और सभी पक्षकारों  मध्यप्रदेश शासन को भी नोटिस जारी हुए हैं। अगली सुनवाई अक्टूबर में संभावित है।

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने OBC आरक्षण से जुड़ी 85 याचिकाएं हाईकोर्ट से SC ट्रांसफर करने के आदेश दिए। याचिकाएं ट्रांसफर होने पर SC सुनवाई के बाद आरक्षण पर फैसला लेगा। बता दें कि मध्य प्रदेश  में 27% OBC आरक्षण पर साल 2019 से HC की रोक है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवाई और जस्टिस केवी विश्वनाथन के सामने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आदित्य संघी ने कहा कि संवैधानिक बेंच ने 50% से अधिक आरक्षण पर रोक लगाई है, लेकिन इसके बाद भी मध्यप्रदेश सरकार ने आरक्षण बढ़ाते हुए इसे 63 फीसदी कर दिया है।

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अधिवक्ता आदित्य ने कहा कि मराठा आरक्षण में भी अतिरिक्त आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने अमान्य किया। इसी तरह बिहार के मामले में भी 50% से ज्यादा आरक्षण को आमान्य किया जा चुका है। ऐसे में मध्य प्रदेश में भी 50% से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। करीब 85 याचिकाएं लगी है, जिन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। मार्च 2019 में इस आरक्षण के विरुद्ध हमने हाईकोर्ट में स्टे लिया था। उसमें लगातार सुनवाई हुई। लेकिन, फैसले के पूर्व मध्य शासन द्वारा इसमें ट्रांसफर याचिका लगा दी गई। इसके बाद 100 फीसदी भर्ती करने की जगह 87-13 का फॉर्मूला लागू कर दिया गया।

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अधिवक्ता  ने कहा कि हाईकोर्ट में अगर यह मामला जाता है तो फिर हाईकोर्ट सुनवाई करेगा और जो भी फैसला आएगा एक बार फिर से इसमें मामला सुप्रीम कोर्ट में ही आएगा। इससे अभ्यर्थी और परेशान होंगे इसलिए निवेदन है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पूरी सुनवाई करे और फैसला दे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने इस मामले को स्वीकार कर लिया और सभी पक्ष को नोटिस जारी किया है। खास तौर से मध्यप्रदेश सरकार से जवाब मांगा गया है कि 27% आरक्षण क्यों और कैसे किया गया है? दूसरा यह 87-13 के फॉर्मूला से भर्ती क्यों की गई है?

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