Lord Shri Krishna, owner of 500 acres of land

Janmashtami Special 2023 : इस गांव के सबसे बड़े जमींदार हैं भगवान श्री कृष्ण, नाम पर है 500 एकड़ जमीन, जानें इसका रहस्य

Lord Shri Krishna, owner of 500 acres of land: यहां के सबसे बड़े जमींदार हैं भगवान श्री कृष्ण, नाम पर है 500 एकड़ जमीन, जानें इसका रहस्य

Edited By :   Modified Date:  September 7, 2023 / 10:04 PM IST, Published Date : September 7, 2023/10:04 pm IST

(जबलपुर से IBC24 धरम गौतम की रिपोर्ट)

 

Lord Shri Krishna, owner of 500 acres of land : जबलपुर। अभी तक आपने बड़े जमीदारों के बारे में सुना होगा और बहुत से जमीदारों को आप जानते भी होंगे लेकिन आज हम आपको ऐसे जमींदार के बारे में बता रहे हैं जिन्हे श्रष्टि का सृजनकर्ता भी कहा जाता है और वो जमींदार कोई और नहीं बल्कि भगवान श्री कृष्ण हैं। जी हां ऐसा इसलिए क्योंकि जबलपुर जिला मुख्यालय के करीब 45 किलोमीटर दूर मझौली ब्लॉक के पटोरी गांव में विराजमान भगवान श्री कृष्ण दस या बीस नहीं बल्कि पांच सौ एकड़ जमीन के मालिक हैं और इसी वजह से लोग उन्हें मालगुजार यानि की जमींदार कहते हैं।  खास बात यह है कि पटोरी सहित आसपास के कई गांवों में मालगुजार भगवान श्रीकृष्ण को प्रथम निमंत्रण देने के बाद ही शुभ कार्य होते हैं। मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण राधारानी के साथ विराजमान हैं। जन्माष्टमी पर पटोरी सहित आसपास के इलाके के लोग उत्सव मनाते हैं।

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क्या बताते हैं मंदिर के संत महंत

Lord Shri Krishna, owner of 500 acres of land : पुजारी संत कुमार मिश्रा बताते हैं कि द्रोपदी बाई मिश्रा ने 1923 में राधा-कृष्ण का मंदिर बनवाया था। बजट के लिए लिए 500 एकड़ जमीन दी थी। मंदिर का संचालन राधा कृष्ण मंदिर ट्रस्ट के नाम से होता है। द्रोपदी बाई ने पास के ही मुरैठ गांव में राम मंदिर का निर्माण भी कराया है। दोनों मंदिरों के ट्रस्टों का संचालन एक साथ होता है। पटोरी गांव में कोई भी आयोजन हो तो सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण को निमंत्रण दिया जाता है। यह परंपरा 100 साल से चली आ रही है। गांव में भोज होने की स्थिति में भी मंदिर में भगवान को निमंत्रण दिया जाता है। ऐसे अवसर पर पुजारी भगवान की ओर से भोज में शामिल होते हैं।

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आखिर कब बना ये मंदिर?

राधा-कृष्ण मंदिर की नींव रखने वाली मझौली की द्रोपदी बाई मिश्रा व उनके पति गंगा प्रसाद मिश्रा की कोई संतान नहीं थी। इसलिए उन्होंने धार्मिक कार्यों में सम्पत्ति दान की। 1923 में श्रीकृष्ण मंदिर निर्माण के साथ ही मिश्रा दम्पति ने कटंगी में भव्य तुलसी- शालिगराम विवाह का आयोजन कराया था। इसमें देश भर के साधु-संत शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने गजदान भी किया था। 100 वर्ष से अधिक पुराने इस मंदिर में आज भी जबलपुर जिले समेत दूर दराज के भक्त अपनी मनोकामना लेकर भगवान श्री कृष्ण और राधारानी के दर्शन करने बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

 

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