Har mahine badhenge bijli ke daam: जबलपुर। पेट्रोल-डीज़ल की तर्ज पर अब बिजली के दाम भी हर माह बढ़ाने की तैयारी है। मध्यप्रदेश की बिजली कंपनियों ने एक प्रस्ताव बनाकर राज्य विद्युत नियामक आयोग को भेजा है। इसमें आयोग से टैरिफ निर्धारण के नियमों में संशोधन की मांग की गई है। तेल कंपनियों की तरह बिजली कंपनियों ने भी खुद ही, हर माह लागत के आधार पर बिजली की दर तय करने की स्वतंत्रता चाही है। यानि बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग से एक तरह से फ्री हैण्ड मांगा है कि वो हर माह ईंधन लागत के आधार पर बिजली की दरें खुद ही तय कर सकें।
Har mahine badhenge bijli ke daam: फिलहाल प्रदेश में हर तीन महीने में एफसीए यानि फ्यूल कॉस्ट एडजेस्टमेंट के आधार पर बिजली की दरें तय होती हैं लेकिन नए संशोधन में कंपनियों ने अपने स्तर पर ही हर माह बिजली के दाम तय करने की स्वतंत्रता चाही है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों के इस प्रस्ताव पर आम जनता से दावे आपत्तियां मांगी है। नियामक आयोग में ये दावे आपत्तियां 24 फरवरी तक भेजे जा सकेंगे जिसके बाद 28 फरवरी को आयोग जनसुनवाई करेगा और बिजली कंपनियों के प्रस्ताव पर कोई फैसला लेगा।
Har mahine badhenge bijli ke daam: इधर बिजली कंपनियों के इस प्रस्ताव का विरोध भी शुरु हो गया है। जबलपुर में बिजली मामलों के जानकार राजेन्द्र अग्रवाल ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि अगर इसे मंजूरी मिलती है तो बिजली कंपनियां मनमानी से दाम बढ़ा सकती हैं और ऐसी छूट देना इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के भी खिलाफ है।