जबलपुर: Contract Employees Permanent notification संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्दा पुरानी पेंशन योजना से भी बड़ा बनते जा रहा है। देश के कई राज्यों के संविदा और अस्थाई कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि कई राज्यों की सरकार और हाईकोर्ट ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए फैसला ले लिया है और कार्रवाई भी शुरू की जा चुकी है। लेकिन इस बीच मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर बड़ी बात कही है।
Contract Employees Permanent notification दरसअल प्रदेश के संविदा कर्मचारियों ने नियमितीकरण के बजाए नौकरी से निकाले जाने को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसकी सुनवाई जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने की। मामले में सुनवाई के बाद जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने अपने आदेश में कहा कि निर्धारित समय अवधि समाप्त होने के बाद संविदा कर्मचारी की सेवा समाप्ति के लिए सुरक्षा का दावा नहीं किया जा सकता। निर्धारित अवधि के बाद संविदा कर्मचारियों को हटाना नेचुरल जस्टिस है। कोर्ट ने कहा- नियुक्ति प्राप्त करने वालों को पहले से ही पता था, कि उनकी सेवाएं एक निश्चित समयावधि के लिए हैं।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने साल 2011 में डाटा एंट्री के 50 पदों पर दो साल की संविदा नियुक्ति दी थी। 2013 में सभी कर्मचारियों की संविदा अवधि दो साल तक बढ़ा दी गई थी। साल 2016 में सिर्फ 21 कर्मचारियों की सेवा अवधि बढ़ाने के आदेश जारी किए गए थे। इसके बाद योजना एवं सांख्यिकी विभाग ने साल 2018 में सभी संविदा नियुक्ति समाप्त करने के आदेश जारी किए थे, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
दूसरी ओर राज्य सरकार के आदेश के तहत विनियमित सफाई कामगारों को सफाई कामगार के उपलब्ध रिक्त पदों पर वरीयता के आधार पर स्थाई किया जाएगा। नगरीय निकायों में कार्यरत समस्त दैनिक वेतन भोगी जो वर्ष 2007 से वर्ष 2016 तक कार्यरत है उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के अनुसार विनियमित किया जायेगा। निर्णय से 15 हजार से अधिक सफाई कर्मचारियों को विनियमितिकरण का लाभ मिलेगा। यह निर्णय 7 अगस्त को मंत्रालय में राज्य सफाई कामगार आयोग के अध्यक्ष प्रताप करोसिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया था।
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