MP Shikshak Bharti: जबलपुर। मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षक भर्ती वर्ग 1 को जबलपुर हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। 45% अंक वाले उम्मीदवारों को भी नियुक्ति देने पर HC ने स्कूल शिक्षा और आदिवासी कल्याण विभाग को नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने 50% से कम अंक पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों का रिकॉर्ड मांगा है।
NCTE के नियमानुसार PG में 55% अंक पाने वाला ही शिक्षक बन सकता है। लेकिन, यहां 45% अंक वाले उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दे दी गई है। मध्यप्रदेश शिक्षक भर्ती नियम 2018 की वैधानिकता को याचिका में चुनौती दी गई है। वहीं, इस मामले में पर हाई कोर्ट ने 20 अगस्त को अगली सुनवाई तय की है। याचिका में बताया गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने पोस्ट ग्रेजुएशन में 45.3 प्रतिशत, 46.1 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत वाले कैंडिडेट्स को नियुक्तियां दी हैं, क्योंकि उनकी मार्कशीट में सेकंड डिवीजन लिखा है। वहीं ऐसे कैंडिडेट्स जिनके नंबर 45 से 50 प्रतिशत हैं, लेकिन उनकी मार्कशीट में थर्ड डिवीजन लिखा है। इसलिए उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई है।
दरअसल, उच्च माध्यमिक यानी वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2018 में नियोजन प्रक्रिया को नई बताकर EWS कैंडिडेट को नियुक्ति नहीं मिली थी। इसे हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया था।23 फरवरी 2024 को जस्टिस विवेक अग्रवाल और उसके बाद जस्टिस विशाल धगत की सिंगल बेंच ने आदेश दिया कि वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2018 के 848 EWS उम्मीदवारों को जब तक ज्वाइनिंग नहीं दी जाती, तब तक नई भर्ती पर रोक रहेगी।
हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग एवं ट्राइबल वेलफेयर विभाग ने हाई स्कूल टीचर के हजारों पदों पर ऐसे कैंडिडेट्स को नियुक्ति दी है, जिन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन में संबंधित विषयों में 55 प्रतिशत नंबर भी हासिल नहीं किए हैं। याचिका दायर करने वाले कैंडिडेट्स ने कहा है कि शिक्षक भर्ती नियम 2018 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। मध्यप्रदेश शासन का नियम NCTE के नियमों से मेल नहीं खाता है।