Reported By: Abhishek Sharma
,जबलपुर। Digital Prachar: आधुनिकी करण ने जहां लोगों को स्मार्ट बनने पर मजबूर कर दिया है। वहीं सत्ता का सिकंदर बनने के लिए राजनीतिक पार्टियां और उम्मीदवार भौतिक रूप से होने वाले चुनाव प्रचार से ज्यादा अब चुनाव के डिजिटल प्रचार प्रसार पर जोर दे रहे हैं। यही वजह है कि जबलपुर में इस लोकसभा चुनाव में ढोल नगाड़ों की आवाज़ से ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चुनाव प्रचार की हलचल देखने मिल रही है, क्योंकि, सोशल मीडिया के माध्यम से उम्मीदवारों के लिए विपक्षी पार्टी और वोटरों को सीधे टारगेट करना आसान है। यही वजह है कि प्रत्याशी जितने सक्रिय मैदान में हैं। उतनी ही सक्रियता सोशल मीडिया पर भी दिखा रहे हैं।
बनाया गया आईटी सेल
पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे बीजेपी के आशीष दुबे हो या फिर कांग्रेस के नगर अध्यक्ष रहे दिनेश यादव की चुनाव प्रचार से लेकर हर गतिविधि को फेसबुक,इंस्टाग्राम, ट्विटर और वाट्सएप पर डाला जा रहा है। कांग्रेस-भाजपा ने इसके लिए आईटी-सेल बनाया हुआ है। वार-रूम में विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है। इनमें कुछ तो पार्टी के ही युवा सदस्य हैं, लेकिन कुछ विशेषज्ञ ऐसे भी हैं, जिनको मानदेय भी दिया जा रहा है। यह विशेषज्ञ बाकायदा प्लान तैयार करके बता रहे हैं कि किस तरह से हर दिन के इवेंट का कवरेज यानी मीम्स,रील को तैयार किया जा रहा है।
इसके अलावा पार्टियों का आईटी सेल प्रत्याशी की इमेज बनाने का काम भी कर रहा है। इसके लिए प्रत्याशी की फोटो के साथ उसके द्वारा किए गए जनहित के कार्यों की फिल्म भी यह बना रहे हैं। प्रत्याशी इसे अपने सोशल मीडिया एकाउंट के साथ-साथ कार्यकर्ताओं और समर्थकों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर रहे हैं, जिन्हें क्षेत्र के मतदाताओं के साथ विरोधियों को भी टैग किया जा रहा है। इसकी भी मॉनीटरिंग लोकल स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक की जा रही है।
Digital Prachar: यही वजह है कि फिजिकल चुनाव प्रचार की जगह पार्टियां और उम्मीदवार सोशल मीडिया पर डिजिटल प्रचार करने में ज्यादा तबज्जो दे रहे हैं। राजनीतिक दलों की माने तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए कम समय में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक आसानी से पहुंचा जा सकता हैं। इसलिए डिजिटल प्रचार-प्रसार पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।