Is there any merit in the allegations of Congress or just pure politics?

आवारा मवेशी दोगुना…संरक्षण पर भारी सियासत! कांग्रेस के आरोपों में कोई दम है या सिर्फ कोरी सियासत?

कांग्रेस के आरोपों में कोई दम है या सिर्फ कोरी सियासत?! Is there any merit in the allegations of Congress or just pure politics?

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:51 PM IST
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Published Date: February 11, 2022 11:16 pm IST

रिपोर्ट: विवेक पटैया, भोपाल: allegations of Congress मध्यप्रदेश में गाय पर राजनीति नई बात नहीं है। भोपाल के बैरसिया के गौशाला में सैकड़ों गायों के कंकाल मिलने के बाद मुद्दा फिर से गरमाया हुआ है। गायों की मौत पर आरोप-प्रत्यारोप थमा भी नहीं था कि गोवंश को लेकर केंद्र सरकार ने आकंड़े जारी किया है कि प्रदेश में करीब साढ़े 8 लाख गौवंश कम हुए। जबकि आवारा गायों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। नए आंकड़ों को लेकर विपक्ष एक बार फिर हमलावर है। कांग्रेस के मुताबिक बीजेपी सरकार गाय के नाम पर सिर्फ राजनीति करती है। हालांकि सत्ता पक्ष का दावा है कि गौ संवर्धन हमारी प्राथमिकता है। गौ संरक्षण के तमाम दावो के बीच आवारा गायों की संख्या क्यों बढ़ रही। कांग्रेस के आरोपों में कोई दम है या सिर्फ कोरी सियासत?

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allegations of Congress राजधानी भोपाल के बैरसिया इलाके में सैकड़ों गायों के कंकाल मिलने की घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था। इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप की सियासत भी खूब गरमाई। गौसरंक्षण को लेकर नए दावे भी हुए। इसी बीच गौवंश को लेकर केंद्र सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं उससे एक बार फिर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल पशुगणना-2019 के अनुसार एमपी में आवारा गायों की संख्या बढ़कर 8 लाख 53 हजार तक पहुंच गया, जबकि प्रदेश में गौवंश बढ़ने की बजाय घट रहा है। 2012 से 2019 के बीच प्रदेश में साढ़े आठ लाख गौवंश घट गया। आंकड़े सामने आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर गाय के नाम पर सिर्फ राजनीति करने का आरोप लगाया है।

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प्रदेश में मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना से बनी 951 गौशालाएं हैं, 627 निजी गौशालाएं हैं, जिनमें 2 लाख 55 हजार से अधिक गाय हैं। सालभर के चारे के लिए 184 करोड़ की ज़रुरत होती है। लेकिन बीजेपी सरकार ने साल 2021 में चारे के लिए सिर्फ 60 करोड़ रुपए का बजट रखा यानि प्रति गाय सिर्फ 20 रुपए। जबकि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने 2018 में ही 150 करोड़ का बजट रखा था। हालांकि गौवंश बढ़ाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है, लेकिन बढ़ने की बजाय गौवंश घट रहा है। वहीं सड़कों पर आवारा गाय-बैलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि गौ संवर्धन हमारी सरकार की प्राथमिकता है और सरकार इस पर लगातार काम कर रही है।

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सरकार का दावा है कि वो गौ संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठा रही है, लेकिन केंद्र सरकार के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में पिछले 7 साल में आवारा मवेशियों की संख्या दोगुनी हो गई है। ये आंकड़े गौमाता के संरक्षण के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर कई सवाल जरूर खड़े करते हैं।

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