भोपाल: forcible conversion of tribals आगामी 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती पर मध्यप्रदेश में बीजेपी जनजातीय गौरव दिवस मनाने जा रही है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। लेकिन इससे पहले केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने धर्मांतरण पर बयान देकर सियासत गरमा दी है। कुलस्ते ने कहा जनजातीय लोगों का जबरन धर्मांतरण हो रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या वाकई मध्यप्रदेश में जबरन धर्मांतरण हो रहा है? और अगर ऐसा है तो इसके पीछे जिम्मेदार कौन है?
forcible conversion of tribals केंद्रीय इस्पात मंत्री और बीजेपी के बड़े आदिवासी चेहरे फग्गन सिंह कुलस्ते के इस बयान ने एमपी में धर्मांतरण के मुद्दे को हवा दी है। केंद्रीय मंत्री ने ये दावा किया है कि न सिर्फ मध्यप्रदेश में बल्कि पूरे देश में जनजातीय समाज के लोगों का धर्मांतरण हो रहा है। स्वास्थ्य और शिक्षा के नाम पर आदिवासियों को लालच देकर धर्मांतरण की साजिश रची जा रही है। कुलस्ते का ये बयान तब आया है जब केंद्र और राज्य में भी बीजेपी की सरकारें हैं और 15 नवंबर को पीएम मोदी जनजातीय गौरव दिवस पर भोपाल आ रहे हैं। अब सवाल ये है कि धर्मांतरण के मुद्दे को मोदी की सभा के पहले हवा क्यों दी जा रही है। इसे इन आंकड़ों से समझा जा सकता है।
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दरअसल मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाके में 84 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 84 में से 34 सीट पर जीती थी। वहीं, 2013 में यहां 59 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था। यानी 2018 में पार्टी को 25 सीटों पर नुकसान हुआ है। वहीं, जिन सीटों पर आदिवासी उम्मीदवारों की जीत और हार तय करते हैं, वहां सिर्फ बीजेपी को 16 सीटों पर ही जीत मिली है। 2013 की तुलना में 18 सीट कम है। जाहिर है बीजेपी इस गड्ढे को भरने के सारे जतन करने में जुट गए हैं। हालांकि धर्मांतरण का दावा कांग्रेस के भी गले नहीं उतर रहा है।
वैसे ये पहली दफा नहीं है, जब बीजेपी धर्मांतरण के मुद्दे को हवा दे रही है। मध्यप्रदेश में संघ की अनुषांगिक इकाइयों ने कई बार इस मुद्दे को उठाया है। बहरहाल पीएम मोदी के मध्यप्रदेश दौरे के पहले धर्मांतरण का फिर से सियासी मुद्दा बनने पर सवाल जरूर उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या वाकई प्रदेश में आदिवासियों का जबरन धर्मांतरण हो रहा है? या कुलस्ते का बयान सिर्फ कोरी सियासत है?
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