Reported By: Vijendra Pandey
, Modified Date: July 20, 2024 / 06:49 PM IST, Published Date : July 20, 2024/6:49 pm ISTजबलपुर: Regional Industry Conclave in jabalpur सूबे के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव के विज़न पर, महाकौशल के मुख्यालय जबलपुर में आयोजित की गई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को सरकार की उम्मीद से ज्यादा सफलता हासिल हुई है । मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मुताबिक जबलपुर में हुई इस इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 17000 करोड़ रुपयों के निवेश प्रस्ताव आए हैं । यहां डिफेंस क्षेत्र में भी 600 करोड़ रूपयों के निवेश का एमओयू साइन किया गया है जिसके चलते जबलपुर में सेना के लिए टैंक बनाने का भी काम किया जाएगा। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में कई बड़े ऐलान भी किए गए जिसमें जबलपुर में टैक्सटाइल एन्ड रेडीमेड गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग का स्किल ट्रेनिंग सेंटर भी खोला जाएगा। देखिए रिपोर्ट….
विकास के नक्शे पर औद्योगिक पिछड़ापन महाकौशल की प्रमुख शिकायत रही है… महाकौशल अंचल में विकास का संतुलन बनाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का विजन दिया था । मुख्यमंत्री के रोड मैप पर काम करते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया । आयोजन में उद्योग जगत से जुड़े 4000 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कॉन्क्लेव में 700 से ज्यादा बायर सेलर मीट की गई जहां खरीदारों और विक्रेताओं को एक प्लेटफार्म पर लाकर व्यापारिक चर्चा का मंच दिया गया।
कॉन्क्लेव में 6 देशों के इंटरनेशनल डेलिगेशन ने भी हिस्सा लिया । रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में देश के 30 से ज्यादा प्रमुख उद्योगपतियों के साथ मुख्यमंत्री ने वन टू वन बैठक की। इस कॉन्क्लेव में 15 से ज्यादा राज्यों से निवेशकों ने हिस्सा लिया । रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में महाकौशल में निवेश की संभावनाओं को शोकेस किया गया । इसके लिए 5 सेक्टोरियल सेशन आयोजित किए गए । इनमें डिफेंस ,खनन एवं खनिज ,कृषि खाद्य प्रसंस्करण डेयरी, टेक्सटाइल रेडीमेड गारमेंट और टूरिज्म यह पांच कोर सेक्टर थे। संबंधित विभागों के आला अधिकारियों ने इन सैक्टर्स में निवेश की अनुकूलता को लेकर अपने प्रेजेंटेशन दिए और यहां निवेश को आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने खुद दिन भर का वक्त इस रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के लिए जबलपुर में बिताया । उन्होंने दावा किया कि इस इंडस्ट्री कॉन्क्लेव ने पिछले पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। कॉन्क्लेव में 17000 करोड़ रू के निवेश प्रस्ताव आए हैं।
रीज़नल इंडस्ट्री कॉनक्लेव के आंकड़ों के मुताबिक एमएसएमई इकाई के लिए 1500 निवेशकों ने 5000 करोड रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव दिए हैं । कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से 67 औद्योगिक इकाइयों के ई लोकार्पण और भूमि पूजन किया। इनमें 1530 करोड़ रू का निवेश किया गया है जिसे 4500 लोगों को रोजगार मिलेगा । कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री ने 265 औद्योगिक इकाइयों को 340 एकड़ जमीन आवंटन करने के आदेश पत्र भी जारी किए। इन इकाइयों में 1800 करोड़ रू का निवेश आया है जिसे 12000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में अशोक लेलैंड और आर्म्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के बीच में 600 करोड़ रू का एमओयू साइन किया गया है जिससे रक्षा क्षेत्र में बड़ा काम होगा ।इसके तहत जबलपुर में सेना के लिए टैंक निर्माण का काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव के दौरान महाकौशल को एक सौगात भी दी है । उन्होंने टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर के लिए एक स्किल ट्रेनिंग सेंटर जबलपुर में खोलने का ऐलान किया है । मुख्यमंत्री ने ऐसे दो स्किल सेंटर खोलने का ऐलान किया जिनमें से पहले जबलपुर में और फिर दूसरा स्किल ट्रेनिंग सेंटर उज्जैन में खोला जाएगा। मुख्यमंत्री ने जबलपुर स्मार्ट सिटी कन्वेन्शन सेंटर की एक इमारत में नया IT पार्क खोलने का भी ऐलान किया है।
रीज़नल इंडस्ट्री कॉनक्लेव में निवेशकों की ओर से भी कई बड़े ऐलान किए गए हैं। हाइडलबर्ग सीमेंट के सीईओ जयदीप मुखर्जी ने 1500 करोड़ रू के निवेश का प्रस्ताव दिया है। वीईसीवी कम्पनी के एमडी विनोद अग्रवाल ने अनुसंधान आधारित पहलुओं के लिए इंदौर में रिसर्च सेंटर विकसित करने का ऐलान किया है । इधर एसआरएफ फिल्म के सीएमडी आशीष भारतराम ने इंदौर में 2500 करोड़ रुपए से फार्मा सेक्टर में निवेश का प्रस्ताव दिया है ।
वैद्यनाथ ग्रुप ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में फूड सप्लीमेंट का उद्योग लगाने का ऐलान किया है। कंपनी छिंदवाड़ा में 25 करोड़ रू का निवेश करेग। जिससे 50 लोगों को रोजगार मिलेगा।
रमणीक पावर कंपनी ने माइंस एवं मिनरल्स सेक्टर में फेरो एलॉय उद्योग लगाने का ऐलान किया है। इसे 200 करोड रुपए की लागत से बालाघाट से लगाया जाएगा जिससे 400 लोगों को रोजगार मिलेगा।
हीडलबर्ग सीमेंट की ओर से दमोह में सीमेंट प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया गया है इसमें 1500 करोड़ रू का निवेश किया जाएगा जिससे 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
स्वराज ग्रुप की ओर से टेक्सटाइल सेक्टर में गार्मेंटउद्योग लगाने का ऐलान किया गया है, नीमच में यह इंडस्ट्री 500 करोड़ रू की लागत से लगाई जाएगी। जिससे 1500 लोगों को रोजगार मिलेगा।
इधर लोहिया ग्रुप ने खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर में केमिकल उद्योग लगाने का ऐलान किया है, छिंदवाड़ा में यह उद्योग 1000 करोड़ रू की लागत से लगाया जाएगा। जिससे 2000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
पीएलआर सिस्टम ने डिफेंस क्षेत्र में डिफेंस इक्विपमेंट लगाने का उद्योग लगाने का ऐलान किया है। 100 करोड़ रू की लागत से यह उद्योग भिंड में लगाया जाएगा । जिससे डेढ़ सौ लोगों को रोजगार मिलेगा।
इधर वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीकल कंपनी ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में कमर्शियल वाहन का उद्योग लगाने का ऐलान किया है। इसे 1500 करोड़ रूपों की लागत से भोपाल में लगाया जाएगा, जिससे 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
रामेष्ट इन्फो विजन कंपनी ने आईटी सेक्टर में इंदौर में काम शुरू करने का ऐलान किया है, कंपनी ढाई सौ करोड़ रू का निवेश करेगी जिससे 1000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
इधर वाई जैग बायोफ्यूल्स कंपनी ने माइंस एवं मिनरल सेक्टर में बालाघाट में 200 करोड़ रू का निवेश करने का ऐलान किया है जिससे 400 लोगों को रोजगार मिलेगा।
अशोक लीलैंड ग्रुप ने एबीएनएल के साथ रक्षा क्षेत्र में करार किया है इसमें 600 करोड़ रू का निवेश आएगा जिससे 900 लोगों को रोजगार मिलेगा।
एसआरएफ कंपनी ने फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर में निवेश का ऐलान किया है कंपनी प्रदेश में 2500 करोड़ रू की लागत से इंडस्ट्री खोलेगी जिससे 1000 लोगों को रोजगार मिलेगा ।
इस तरह देखा जाए तो जबलपुर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव करीब 17000 करोड़ रूपों के निवेश के प्रस्ताव आए हैं। जिनसे 13000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मुख्यमंत्री ने जबलपुर की रीज़नल इंडस्ट्री कॉनक्लेव के बाद सागर, ग्वालियर और रीवा में भी ऐसे ही आयोजन करने का ऐलान किया है। देखना दिलचस्प होगा कि प्रदेश में औद्योगिक विकास का संतुलन बैठाने की दिशा में मुख्यमंत्री का यह प्रयोग क्या असर दिखाता है।
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