इंदौर (मध्यप्रदेश), 14 नवंबर (भाषा) दूरसंचार की ‘6जी’ तकनीक पेश करने की ओर देश के तेजी से कदम बढ़ाने के बीच इंदौर का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ऐसा उन्नत ‘रिसीवर’ विकसित कर रहा है जो इस तकनीक के साथ ही सैन्य संचार के क्षेत्र में भी बड़ा मददगार साबित होगा। आईआईटी के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि यह ‘समझदार रिसीवर’ शोर या व्यवधान वाली चुनौतीपूर्ण स्थितियों में भी सिग्नल से सटीक डेटा हासिल कर सकेगा जिससे भविष्य के ‘6जी’ नेटवर्क और सैन्य संचार में खासी मदद मिलेगी।
अधिकारी ने बताया, ‘‘यह रिसीवर मुश्किल परिस्थितियों में भी सिग्नल को डिकोड कर सकेगा। इस रिसीवर के जरिये अस्पष्ट या शोरगुल वाले सिग्नल से भी महत्वपूर्ण डेटा जमा किया जा सकता है और इसकी यह खूबी इसे (सेना के) खुफिया अभियानों के लिए भी अहम बनाती है।’’
उन्होंने बताया, ‘‘यह उन्नत रिसीवर ‘डीप लर्निंग एल्गोरिदम’ पर आधारित है और यह रेडियो फ्रीक्वेंसी के उपयोग को बेहतर बनाता है और डेटा का अनावश्यक संचरण घटा कर ऊर्जा भी बचाता है।’’
आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे दुनिया ‘6जी’ तकनीक की ओर कदम बढ़ा रही है, वैसे-वैसे संचार प्रणालियों को अत्यधिक तेज मोबाइल इंटरनेट और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसे उपकरणों के व्यापक नेटवर्क के मुताबिक ढालने की आवश्यकता बढ़ रही है। आईआईटी इंदौर द्वारा विकसित की जा रही तकनीक का उद्देश्य ऐसा रिसीवर बनाना है जो हर संचार प्रणाली के अनुकूल हो।’’
यह रिसीवर आईआईटी इंदौर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. स्वामीनाथन आर. के नेतृत्व में विकसित किया जा रहा है।
स्वामीनाथन ने कहा कि रिसीवर के शुरुआती परीक्षणों में आशाजनक परिणाम सामने आए हैं और अब इसे ‘3जी’ से लेकर ‘6जी’ तकनीक तक के वास्तविक पैमानों पर परखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले माह ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024’ को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत ‘5जी’ की दूरसंचार तकनीक का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन चुका है और अब ‘6 जी’ पर तेजी से काम कर रहा है।
भाषा हर्ष खारी
खारी
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