Sajjan Singh Verma on kamal nath bjp join: इंदौर: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ के भाजपा में शामिल होने की खबरों पर पूर्व मंत्री और उनके करीबी कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा का कहना है, ”राजनीति में तीन चीजें चलती हैं- सम्मान, अपमान और स्वाभिमान, जब इन पर चोट लगती है तो व्यक्ति अपने फैसले बदल लेता है…जब इतना शीर्ष राजनेता जिसने पिछले 45 वर्षों में कांग्रेस और देश के लिए बहुत कुछ किया है, वह अपनी पार्टी से अलग होने की सोचता है तो इसके पीछे ये तीन कारक काम करते हैं। ..”
#WATCH | Indore: Congress leader Sajjan Singh Verma and close aide of former Madhya Pradesh CM Kamal Nath says "Three things work in politics- respect, insult and self-respect, when these are hurt a person changes his decisions…When such a top politician who has done a lot for… pic.twitter.com/BrJnzeV6lv
— ANI (@ANI) February 17, 2024
कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने सिर्फ यह बयान ही नहीं दिया है बल्कि उन्होंने भी अपनी डीपी बदल दी है, कांग्रेस का शब्द हटा दिया है। साथ ही कहा है कि ”कमलनाथ जी बहुत गहरे राजनीतिज्ञ हैं और कोई भी निर्णय इतनी जल्दी लेते नहीं हैं और जो निर्णय लेते है वो निश्चित रूप से परिपक्वता भरा हुआ निर्णय होता है, क्योंकि मैं उनके साथ चालीस वर्ष काम किया है, तो जिंदगी के इस पखवाडे में मैं कहीं अलग हट के जाउं सायद संभव नहीं है जिधर उनके कदम जाएंगे उधर मेरे कदम जाएंगे।”
बता दें कि मध्यप्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता की सुगबुगाहट सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ आने वाले एक से दो दिनों यानि सोमवार तक भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उनके साथ उनके बेटे नकुलनाथ भी भाजपा में जा सकते हैं। इतना ही नहीं कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि कमलनाथ के साथ ही करीब 10 विधायक भी भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं। इसी बीच खबर है कि कमलनाथ के करीबी और खण्डवा विधानसभा से 2018 एवं 2023 में प्रत्याशी कुंदन मालवीय ने भी अपनी डीपी बदल दी है। जिसके बाद यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि वे भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
इन दिनों मध्यप्रदेश की सियासी फिजाएं बदली बदली नजर आ रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद कहा जा रहा है कि कमलनाथ भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों कहा जा रहा है कि कमलनाथ भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं। तो हम आपको इसके पीछे की वजह बता रहे हैं। बीते दिनों राज्यसभा के चुनाव हुए थे तब यह कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी कमलनाथ को राज्यसभा भेज सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस ने पीसीसी के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित कर दिया। शायद यहां भी कमलनाथ को झटका लगा होगा।
इसके पहले जाएं तो बता दें कि एक समय था जब कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के न सिर्फ अध्यक्ष थे बल्कि वे नेता प्रतिपक्ष भी थे। लेकिन विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की हार के बाद उन्हे दोनों ही पदों से हाथ धोना पड़ा। पार्टी ने जीतू पटवारी को पीसीसी चीफ बना दिया और उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दे दी। जाहिर है कि कमलनाथ के पास अब ऐसा कुछ नहीं बचा जिसके दम पर उन्हे प्रदेश का बड़ा नेता माना जाए।
वहीं आने वाले समय में प्रदेश में लोकसभा चुनाव भी होना है ऐसे में यदि कमलनाथ और नकुलनाथ को लोकसभा का उम्मीदवार भी नहीं बनाया गया तो उनके हाथ से सब कुछ चला जाएगा। ऐसे में भाजपा में जाने की उनकी अटकलों को बल तो मिलता है। लोकसभा चुनाव के बाद फिर से पांच साल के लिए प्रदेश में राजनीतिक सन्नाटा छा जाएगा, इसके पहले यदि कमलनाथ पाला बदलकर बहती गंगा में हाथ धो लें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
बता दें कि कमलनाथ इन दिनों दिल्ली में ही हैं। ऐसे में संभावना यह भी जताई जा रही है कि वे दो दिनों बाद भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं। शनिवार और रविवार दो दिन भाजपा का दिल्ली में राष्ट्रीय अधिवेशन भी चल रहा है। उसके बाद भाजपा के बड़े नेता कमलनाथ को समय दे सकते हैं।
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