रवि सिसोदिया, इंदौर: MP Assembly Election 2023 देश की सियासत में परिवारवाद को लेकर लंबे अर्से से बहस होती रही है। हालांकि तमाम खिलाफत के बाद भी सियासी दल इससे अछूते नहीं रह पाते। इंदौर जिले की कई सीटें ऐसी है जिनका परिवारवाद से ऐसा नाता है कि पीढ़ियों से भाजपा और कांग्रेस के बीच परिवारों की सियासी जंग देखने को मिलती है। इन सीटों पर दोनों दल वर्षों से एक ही परिवार के सदस्यों को पीढ़ी-दर-पीढ़ी टिकट देते आ रहे हैं और एक बार फिर दोनों पार्टियों में इन्ही परिवारों की ओर से टिकट की दावेदारी की जा रही है।
MP Assembly Election 2023 सियासी दल के दिग्गज नेता भले ही परिवारवाद की खिलाफत करते दिखते हैं, लेकिन पार्टियां इसके तिलिस्म को पूरी तरह तोड़ नहीं पाई हैं। इंदौर की तमाम सीटें सालों से परिवारवाद की डोर से बंधी हैं। इंदौर 3 नंबर सीट से बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय फिर टिकट का दावा कर रहे हैं।पिछली बार उनका मुकाबला कांग्रेस के अश्विन जोशी से था। अश्विन, कांग्रेस के पूर्व मंत्री महेश जोशी के भतीजे हैं, महेश जोशी इसी सीट से तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं, उनके बाद तीन बार अश्विन जोशी यहां से विधायक रहे।
परिवारवाद की शिकार दूसरी सीट इंदौर का विधान सभा क्षेत्र क्रमांक-4 है। बीजेपी यहां से मालिनी गौड़ को मैदान में उतार सकती है। सीट से उनके पति लक्ष्मण सिंह गौड़ 3 बार विधायक रह चुके हैं, उनके निधन के बाद मालिनी गौड़ यहां से चुनाव लड़ती आयी हैं, उनके मुकाबले में कांग्रेस के पिछले उम्मीदवार सुरजीत सिंह चढ्ढा फिर मैदान में उतर सकते हैं। सुरजीत शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष उजागर सिंह के बेटे हैं, उजागर सिंह खुद इसी 4 नंबर सीट से चुनाव लड़ चुके हैं।
इंदौर जिले की देपालपुर सीट में भी 2 पूर्व विधायकों के बेटों के बीच लड़ाई है। मनोज पटेल लगातार 3 बार यहां से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। उनके पिता निर्भय सिंह पटेल मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री थे। सीट पर कांग्रेस के विशाल पटेल ने चुनाव लड़ा था। विशाल के पिता जगदीश पटेल यहां से कांग्रेस विधायक रह चुके हैं। इंदौर की कई सीटों पर हावी परिवारवाद की तस्वीर इस बार क्या रहती है। ये इन सीटों पर टिकट के ऐलान से पता चलेगा। फिलहाल टिकट के दावेदार सक्रिय हैं और फाइनल नाम पर मंथन जारी है।
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